यूं तो शादि विवाह की बात होते ही खुशी का माहौल बन जाता है। मगर यहां आको हम एक ऐसी शादी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम ही खौफ का कारण बन गया है। एक पूरा राज्य इस खौफ से ग्रसित है। खास बात ये कि इस साल जुलाई तक ऐसी शादी के 2207 मामले सामने आ चुके हैं। खौफ वाली इस तरह की शादी को लोग “पकड़ुआ शादी” के नाम से जानते हैं। आपमे ंसे कई लोग समझ गए होंगे कि मामला बिहार का है।
जी हां जहाँ देश में “तीन-तलाक़” जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा छिड़ी हुई है, वहीं बिहार के पश्चिमी प्रांत में लोगों के अंदर ‘पकडुआ शादी’ या ‘ज़बरन शादी’ का ख़ौफ़ है कि ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है । बिहार पुलिस के लिए भी ये उतना ही चिंता का विषय है ।
सन 2016 में जहाँ ‘अगवा कर शादी करने के’ कुल 3075 मामले सामने आए थे, इस वर्ष (जुलाई) तक कुल 2207 ऐसी घटनाए राज्य के विभिन्न भागों में दर्ज किए गए हैं । बिहार पुलिस के आँकड़ो के अनुसार अकेले अप्रैल महीने में अगवा कर के ज़बरन शादी करने के कुल 389 मामले राज्य के विभिन्न हिस्सों में दर्ज किए गए. मार्च में 355 ऐसे मामले दर्ज किए गए और जून में 347 । सबसे कम 202 ऐसे मामले जनवरी में दर्ज किए गए.
इंडिया विस्तार से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि “ऐसे मामलों को रोकने के लिए समाज में सबसे पहले जगरूकता लाना बहुत ज़रूरी है” । सबसे ज़्यादा 18-30 वर्ष की आयु वाले अविवाहित इस शादी के शिकार बनते हैं।