नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली के बाबा हरीदास नगर पुलिस ने एक ऐसे सनकी शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने एक महिला पर दोस्ती का दबाव बनाया। जब महिला ने उसके किसी दबाव के आगे झुकने से मना कर दिया तो इस शख्स ने इस महिला के दो साल का बच्चा अगवा कर लिया। पुलिस ने उसके चंगुल से अगवा किए गए बच्चे को सकुशल रिहा भी करवा लिया है।
द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस के मुताबिक 18 दिसंबर की शाम बाबा हरी दास नगर पुलिस को दो वर्षीय बच्चे के अगवा होने की सूचना मिली। सूचना बच्चे की मां ने दी थी और उसने अपने पड़ोस में रहने वाले शिवपूजन नामक शख्स पर बच्चे को अगवा करने का आरोप लगाया। उसने यह भी कहा कि अगवा करने वाला शख्स उससे दोस्ती करना चाहता है। दोस्ती का प्रस्ताव ना स्वीकार करने पर अगवा किए गए बच्चे को जान से मारने की धमकी दी थी।
इस सूचना के मिलते ही नजफगढ़ एसीपी विजय सिंह यादव की देखरेख में बाबा हरीदास नगर थानाध्यक्ष सीआर मीणा के नेतृत्व में एसआई सुभाष, एएसआई कृषणन, सिपाही राम स्वरूप और महिला हवलदार अनिता की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने तत्काल जांच शुरू कर दी। आरोपी का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिया गया। मोबाइल फोन गाजियाबाद जाकर बंद हो गया। पुलिस टीम गाजियाबाद तक तो पहुंच गई मगर आरोपी का पता नहीं लगा। दूसरे दिन सुबह शिकायतकर्ता महिला को फिर फोन आया। इस बार आरोपी ने उससे कहा कि वह उस जगह आने के लिए तैयार रहे जहां वो बुलाएगा। उसने इस संबंध में पुलिस को बताने से भी मना किया।
पुलिस को उसके मोबाइल फोन से पता लगा कि कॉल राजस्थान के भरतपुर से की गई है। इस सूचना के आधार पर पुलिस बच्चे की मां के साथ भरतपुर के लिए रवाना हो गई। आरोपी अपना लोकेशन लगातार बदल रहा था वह कभी दौसा तो कभी कहीं और पहुंच रहा था। आखिर में जयपुर पहुंच कर उसने मोबाइल भी बंद कर लिया। पुलिस जयपुर तक तो पहुंच गई मगर मनोबाइल बंद होने की वजह से उसे तलाश करना काफी मुश्किल था इसलिए पुलिस ने निजी रूप से तलाश अभियान छेड़ दिया। इसके तहत लोगों को आरोपी का फोटो दिखाकर उसके बारे में जानने की कोशिश की गई। अंत में पुलिस को एक सुराग मिला कि आरोपी को श्याम विहार के एक घर में देखा गया है। पुलिस को अचानक सामने देख शिवपुजन ने बच्चे को फेंकने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने बच्चे को बचाने के साथ साथ शिवपुजन को गिरफ्तार भी कर लिया। पूछताछ में पता लगा कि शिवपूजन एक दूध की डेरी चलाता है। महिला अपने बच्चे के साथ उसके पड़ोस में रहती थी। उसका पति उसके साथ नहीं रहता था। शिवपूजन ने उसे दोस्ती का प्रस्ताव दिया जब किसी तरह महिला नहीं मानी तो उसने उसके दो साल के बच्चे को अगवा कर लिया।