पुलिस क्यों बेपरवाह है यह सवाल आपके जेहन में भी उठता होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता डॉक्टर केस की सुनवाई करते हुए उस पर मौका-ए-वारदात को सुरक्षित ना रखने के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा भी सीआईएसएफ के हवाले कर दी। यह पहला मामला नहीं है जब पुलिस पर इस तरह का आरोप लगा है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि पुलिस बेपरवाह होती जी रही है।
पुलिस की लापरवाही के मामले
कुछ दिन पहले दिल्ली के राजेन्दर नगर में कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के मामले में भी पुलिस की किरकिरी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में राहगीर वाहन चालक को ही गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने ना केवल उस राहगीर को छोड़ा बल्कि पुलिस को फटकार भी लगाई और मामला सीबीआई के हवाले कर दिया। इसी तरह पिछले कई दिनों से सीबीआई लगातार दिल्ली पुलिस के लोगों को रिश्वत खोरी के आरोप में गिरफ्तार कर रही है।
कुछ साल पहले कानपुर के कारोबारी मनीष की तो गोरखपुर में पुलिसवालों ने मार मार कर हत्या ही कर दी थी। याद कीजिए साल 2008 की सबसे बड़ी हत्या का। नोएडा में आरूषि की हत्या के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने नौकर को फरार घोषित कर दिया था। 24 घंटे बाद ही उस नौकर की लाश उसी घर के छत पर मिला। ये मामला आज भी अनसुलझा ही है। ऐसे अनेक मामले हैं।
खाकी की लापरवाही की सजा मिलती भी है तो नीचले तबके के कुछ लोगों को निलंबित या लाइन हाजिर कर दिया जाता है। उत्तर प्रदेश में पहली बार योगी सरकार ने बड़े अफसरों के खिलाफ भी सख्ती की। असल में लापरवाही की जड़ में कही ना कहीं बड़े अफसरों की नाकामी भी छिपी है। आला अफसरों का निचले कर्मियों से संवादहीनता इसके पीछे की एक बड़ी वजह है।
यह भी पढ़ें
- airtel की साइबर सुरक्षा अभियान को जान लीजिए, काम आ सकती है जानकारी
- swadeshi movement: शुरू होगा स्वदेशी, सुरक्षा और स्वावलंबन का अभियान
- mobile phone data को दूसरे सिस्टम से इस तरह कर सकते हैं डिलीट
- web series ‘प्रतिशोध’ बदले की आग और बहुत कुछ
- कहीं आप sarkari yojana के फर्जी वेबसाइट पर क्लिक तो नहीं कर रहे, सावधानी के तरीके
[…] फोन पर हाथ साफ करता है। साउथ दिल्ली पुलिस स्पेशल स्टाफ ने इस गैंग के चार […]