cisf क्यों कर रही है हजारों किलोमीटर की साइकिल यात्रा, जानना है जरूरी

cisf खास मकसद के साथ खास साइकिल रैली करने जा रहा है। यह अनूठी साइकिल रैली देश की मुख्य भूमि तट रेखा को पार करते हुए 6553 किलोमीटक का रास्ता तय करेगी।

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cisf खास मकसद के साथ खास साइकिल रैली करने जा रहा है। यह अनूठी साइकिल रैली देश की मुख्य भूमि तट रेखा को पार करते हुए 6553 किलोमीटक का रास्ता तय करेगी। cisf अपने 56वें स्थापना दिवस को “सुरक्षित तट, समृद्ध भारत” का मकसद लेकर मनाने जा रहा है। इस अवसर पर खास साइकिल यात्रा को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह वर्चुअल हरी झंडी दिखाएंगे।

cisf की साइकिल यात्रा इस तरह से होगी

cisf की साइकिल यात्रा में दो साइकिल चालक दल एक साथ निकलेंगे। एक दल कच्छ, गुजरात (पश्चिमी तट) के लखपत किले से यात्रा शुरू करेगा, जबकि दूसरा दल दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल (पूर्वी तट) के बक्खाली से अपनी यात्रा प्रारंभ करेगा। 25 दिनों तक भारत की तटीय सड़कों पर यात्रा करने के बाद, दोनों दल 31 मार्च, 2025 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी स्थित प्रतीकात्मक विवेकानंद रॉक मेमोरियल में एकत्रित होंगे।

सीआईएसएफ अधिकारियों के मुताबिक यह महत्वाकांक्षी अभियान केवल शारीरिक सहनशक्ति का प्रदर्शन नहीं है बल्कि यह तटीय सुरक्षा के प्रति सीआईएसएफ की प्रतिबद्धता और भारत की आर्थिक समृद्धि की सुरक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में एक सशक्त सन्देश  है। भारत की व्यापक तटरेखा, जिसमें 72 प्रमुख बंदरगाहों सहित 250 से अधिक बंदरगाह हैं, मात्रा के हिसाब से राष्ट्र के 95% व्यापार और इसके अधिकांश तेल आयात को संभालती है। ये बंदरगाह व्यापार के महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार हैं और रिफाइनरी, शिपयार्ड और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का घर हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सर्वोपरि हो जाती है।

साइकिल यात्रा का उद्देश्य:

  • तटीय समुदायों को संवेदनशील बनाना: नागरिकों को ड्रग्स, हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी जैसे संभावित खतरों के बारे में शिक्षित करना और सतर्कता को प्रोत्साहित करना।
  • समुदाय-सुरक्षा एजेंसी साझेदारी को मजबूत करना: अधिक मजबूत सुरक्षा नेटवर्क के लिए स्थानीय समुदायों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देना।
  • देशभक्ति जगाना: राष्ट्रीय गौरव को प्रेरित करना और स्वतंत्रता सेनानियों, सुरक्षा कर्मियों और उनके परिवारों द्वारा किए गए बलिदानों को उजागर करना।
  • भारत की समृद्ध समुद्री संस्कृति का जश्न मनाना: यह रैली भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं, इतिहास और भूगोल के बारे में जागरूकता फैलाने का एक मंच बनेगी, जिससे तटीय समुदायों और राष्ट्र के लिए उनके योगदान की महत्ता को उजागर किया जाएगा।

साइकिल यात्रा के ये हैं प्रतिभागी

  • 14 साहसी महिलाओं सहित कुल 125 सीआईएसएफ कर्मी इस प्रयास में भाग लेंगे, जो ताकत और लचीलेपन के संतुलित प्रतिनिधित्व का प्रतीक है। सभी प्रतिभागियों ने लंबी दूरी की साइकिल चलाने की मांगों के अनुरूप एक महीने का गहन प्रशिक्षण लिया है, जिसमें पोषण, सहनशक्ति और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। साइकिल चालकों ने पेशेवर साइकिल चालकों के साथ प्रारंभिक सत्रों में भाग लिया है ताकि लंबी दूरी की साइकिल चलाने की गतिशीलता में अपने कौशल को बेहतर बनाया जा सके, जिसमें बाइक रखरखाव, मुद्रा अनुकूलन और कुशल पैडलिंग तकनीक शामिल हैं।

भारत सरकार के गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह 7 मार्च, 2025 को इस उल्लेखनीय  साइकिल रैली को को वर्चुअली (virtually) हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। पांच स्थानों पर प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे: लखपत किला (गुजरात), बक्खाली (पश्चिम बंगाल), गेटवे ऑफ इंडिया (मुंबई), कोणार्क (ओडिशा), और विवेकानंद रॉक मेमोरियल (कन्याकुमारी) में समापन समारोह। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक प्रदर्शन, सीआईएसएफ कर्मियों के साथ इंटरैक्टिव सत्र और तटीय सुरक्षा के बारे में अधिक जानने के अवसर  होंगे।

आप भी हो सकते हैं शामिल

cisf ने सभी को इस ऐतिहासिक साइकिल रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। cisf के मुताबिक चाहे शारीरिक रूप से या virtually यात्रा में शामिल हुआ जा सकता है। virtually शामिल होने के लिए https://cisfcyclothon.com/ पर क्लिक किया जा सकता है। इस पर माइक्रोसाइट पर रैली की प्रगति को देखा जा सकता है , कार्यक्रमों में भाग लेने के अलावा तटीय सुरक्षा का संदेश भी दिया जा सकता है।

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