आधार कार्ड की असलियत को कैसे सत्यापित किया जाए। मान लीजिए कि कोई शख्स आपको अपने पहचान के तौर पर आधार देता है और आपको नहीं मालूम कि यह कार्ड सही है कि नहीं। कार्ड की सत्यता का पता लगाने के लिए यूआईडीएआई ने कुछ तरीके सुझाए हैं। आमतौर पर किसी संस्थान के सामने सवाल तब पैदा होता है जब कोई व्यक्ति अपनी पहचान के प्रमाण के तौर पर आधार प्रस्तुत करता है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि आधार की सत्यता को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आसानी से इस प्रकार स्थापित किया जा सकता है:
- ऑनलाइन माध्यम– आधार धारक के आयु वर्ग, लिंग, राज्य और मोबाइल के अंतिम 3 अंकों को https://myaadhaar.uidai.gov.in/verifyAadhaar पर जाकर आधार नंबर फीड करके सत्यापित किया जा सकता है।
- ऑफलाइन माध्यम– प्रत्येक आधार कार्ड/ आधार पत्र/ ई आधार पर एक सुरक्षित क्यूआर कोड मुद्रित होता है जिसमें जनसांख्यिकीय विवरण (नाम, लिंग, जन्म तिथि और पता) के साथ-साथ आधार धारक की तस्वीर भी होती है।
भले ही आधार कार्ड पर तस्वीर की जगह फोटोशॉप के जरिये किसी अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगाकर आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई हो लेकिन क्यूआर कोड में दी गई जानकारी सुरक्षित होती है और उससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है क्योंकि यह यूआईडीएआई द्वारा डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित है। क्यूआर कोड को प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर उपलब्ध ‘आधार क्यूआर स्कैनर’ ऐप द्वारा पढ़ा जा सकता है।
यूआईडीएआई निवासियों के लिए अतिरिक्त जांच के तौर पर ‘आधार’ को सत्यापित करने का सुझाव देता है। उदाहरण के लिए, किसी कर्मचारी, घरेलू नौकर, ड्राइवर आदि को काम पर रखने या मकान किराये पर देते समय किरायेदार के आधार की असलियत की जांच की जा सकती है। आम लोग भी किसी भी समय किसी व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच के तौर पर उसके आधार को सत्यापित कर सकते हैं।