कार राजा के रूप में मशहूर होने के लिए दिल्ली के एक शख्स ने ऐसा काम किया कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे। कारोबारी पिता के इस बेटे ने बाप के काम में हाथ बंटाने की बजाय एक गैंग बना लिया। उसका गैंग काश्मीर औऱ यूपी में ऑन डिमांड चोरी की कारों को सप्लाई करने लगा। कार चोरी करने के लिए उसने अनोखा तरीका अपनाया था। उसका तरीका क्या था जानिए इस वीडियो में डीसीपी सागर सिंह कलसी से…।
उत्तरी दिल्ली पुलिस ने कार राजा बनने की फिराक में चोर बने वाहन चोर को गिरफ्तार कर लिया है। वह हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनूठे तरीके से चोरी करता था। इस नंबर प्लेट का इस्तेमाल चोरी की कार में किया जाता था ताकि आसानी से पकड़ा ना जा सके। इसके पास से पुलिस ने चोरी की चार लग्जरी कारें, भारी मात्रा में ईसीएम फ़र्जी नंबर प्लेट भी बरामद किया है। वह साल 2013 से ही कार चोरी की वारदातों को अंजाम देता रहा है। कार राजा बनने की चाह में वह 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका था।
उत्तरी दिल्ली डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक सिविल लाइंस थाने में दर्ज वाहन चोरी के एक मामले को सुलझाने के लिए एसीपी सतेन्द्र यादव की देखरेख में सिविल लाइंस थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में एएसआई विनोद, हेडकांस्टेबल अंकुश, कांस्टेबल रमेश, शिव कुमार और जयपाल की टीम बनाई गई। इस पुलिस टीम ने सीसीटीवी और स्थानीय मुखबिरों की मदद औऱ अथाह कोशिश के बाद क्रेटा कार चोरी कर जा रहे कुणाल उर्फ तनुज उर्फ विजय को गिरफ्तार कर लिया। कुणाल चाहता था कि लोग उसे कार राजा के नाम से जानें। इसके लिए उसने इंटरस्टेट वाहन चोरी का गैंग भी बना लिया। यह गैंग ऑनडिमांड लग्जरी कारों की चोरी करते हैं। कुणाल के कई मामलो में लिप्त होने के सबूत मिले हैं। पुलिस के मुताबिक डिमांड के बाद कुणाल सबसे पहले उसी रंग औऱ मेक की कार की पहचान करता था। इसके बाद वह उसी ब्रांड औऱ मेक का नंबर प्लेट चोरी करता था जिसके बाद दूसरे इलाके से कार की चोरी किया करता था। इस चोरी की कार पर चोरी की नंबर प्लेट लगा दी जाती थी इसलिए मौके पर जल्दी शक नहीं होता था। उसके पिता का अच्छा खासा कारोबार है। मगर कुणाल अय्याशी का आदि है इसके साथ ही उसे कार राजा के रूप में मशहूर होने का जुनून सवार हुआ जिसे पूरा करने के लिए वह कार चोर बन गया।