दिल्ली से सटे खोड़ा कॉलोनी मे किराए का एक फ्लैट फेक करेंसी छापने का अड्डा बना हुआ था। बाहरी उतरी दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने इस अड्डे का भंडाफोड़ कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 500 की कीमत वाले 17 लाख से अधिक रूपये बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस फेक करेंसी रैकेट का मास्टर माइंड वेब सिरीज फर्जी से प्रभावित था।
फेक करेंसी रैकेट के आरोपी
दिल्ली पुलिस डीसीपी निधिन वाल्सन के मुताबिक एक हफ्ते तक चले अभियान में पुलिस ने मास्टर माइंड विकास भारद्वाज, अनुराग शर्मा, सत्यम सिंह और सचिन नामक शख्स को गिरफ्तार किया है। इन्हें एसीपी यशपाल सिंह की देखरेख और इंस्पेक्टर पवन यादव के नेतृत्व में एसआई राकेश कुमार, हेडकांस्टेबल दीप, सुधीर और आशुतोष की टीम ने दबोचा। डीसीपी निधिन वाल्सन के मुताबिक बरामद नोटो में 500 के 919 फेक करेंसी हैं। इसी तरह 621 ए4 साइज की सीट भी जब्त की गई है।
जब्त सीट पर 500 का फेक करेंसी छपा हुआ है। इनकी कुल कीमत 17.01 लाख रुपये है। इसके अलावा वाटर मार्क बनाने वाला गांधी जी की एक मोहर भी बरामद की गई है। नोट छापने का काम पिछले छह महीने से अनुराग कर रहा था। इसके लिए उसने दिल्ली से सटे खोड़ा कॉलोनी में किराए का फ्लैट ले रखा था। पुलिस का दावा है कि इस गैंग ने हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली औऱ उत्तर प्रदेश में नकली नोट प्रसारित किए हैं।
जिनसे किराए का फ्लैट लिया गया था वह पेशे से वकील हैं। पुलिस के मुताबिक उन्होंने छात्र बैकग्राउंड का बोलकर फ्लैट किराए पर लिया था। बताया जा रहा है कि बरेली का रहने वाला अनुराग शर्मा वेब सिरीज फर्जी से प्रभावित था। खास बात यह है कि गैंग में शामिल सभी लोग स्कूल ड्राप आउट हैं। मगर नोटों की छपाई बिल्कुल असली नोट की तरह ही हो रही थी। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है।
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