Ghar Wapsi-घर वापसी नाम के जिस अभियान या आंदोलन की जानकारी हम देने जा रहे हैं उसकी शुरूआत एक खबर से करते हैं। 23/04/23 दुर्ग (छत्तीसगढ़) मे सर्वहितकारिणी मानव सेवा संस्थान के और समस्त हिन्दू संगठनों के संयुंक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्र रक्षा महासम्मेलन एवं विश्व कल्याण महायज्ञ में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 100 परिवारों की पांव धोकर घर वापसी करवाई। वह इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे थे। इस समारोह में आर्य समाज के प्रांत प्रमुख आचार्य अंशुदेव आर्य , सुदूर हरियाणा से पधारे स्वामी देवानंद जी सरस्वती , क्षेममुनि जी डॉक्टर कमल नारायण आर्य जी विश्व हिंदू परिषद के प्रान्त प्रमुख संतोष गोलछा जी पंडित ऋषि राज आर्य, पंकज भारद्वाज एवम
एवम सम्मेलन के संरक्षक डॉक्टर राहुल गुलाटी जी, डॉक्टर मानसी गुलाटी जी, बजरंगी रतन यादव जी, वीरांगना ज्योति जी आदि अनेकानक संगठनों से धर्म रक्षक उपस्थित थे।
अपने उद्बोधन मे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा ” धर्मांतरण देश तोड़ने मे सबसे बड़ा खतरा, इसीलिए घरवापसी अति आवश्यक है, जब तक शरीर मे प्राण है हम घर वापसी के
माध्यम से सनातन धर्म की रक्षा करते रहेंगे “
Ghar Wapsi Details
घर वापसी क्या है
घर वापसी वह आंदोलन है जो धर्मांतरण के खिलाफ इस सबसे बड़े हथियार के रूप में काम कर रहा है। इसकी शुरूआत स्वर्गीय कुमार दिलीप सिंह जूदेव ने शुरू किया था। जशपुर नरेश जशपुर नरेश द्वारा घर वापसी अभियान सन् 1987-88 से प्रारंभ किया गया है।। सत्य सनातन हिंदू संस्कृति की रक्षा के उद्देश्य से विधर्मी हुए बंधुओं को पुनः सत्य सनातन हिंदू संस्कृति में वापसी करना ही घर वापसी का प्रमुख मकसद है।
घर वापसी अभियान के तहत सन 1987-88 से 2014 तक लगभग 130,000 परिवारों के लगभग संख्या सदस्य संख्या 6,50,000 लोगों की घर वापसी की गई । दिलीप सिंह जूदेव के निधन के बाद उनके पुत्र कुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव द्वारा 2014 से 2023 तक 15,000 परिवारों की सदस्य संख्या लगभग 60,000 लोगों की घर वापसी की गई ।
इस अभियान के दौरान प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को धर्मांतरण होने से रोका गया है । धर्मांतरण एवं सनातन विरोधी षड्यंत्र पर अंकुश लगाने हेतु –
हिंदू जागरण कार्यक्रम, गाँव गाँव धर्म रक्षा समिति (धर्म योद्धा, गौ रक्षा समिति,) जनजातीय धर्म पुजारी बैंगा सशक्तिकरण अभियान,एक गाँव एक मन्दिर अभियान
जैसे अनेकानेक कार्यक्रम लगातार सुदूर वनांचल मे चलाए जाते है।
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