नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। यूं तो कोरोना काल में हेल्थ से लेकर सभी सरकारी विभागो ने अपने योगदान दिए। मगर यहां हम आपको बताने जा रहे हैं क्राइम के मौकों पर पहुंचने वाली दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम की जिप्सी यानि (पीसीआर वैन) के उल्लेखनीय काम। ऐसे काम जो वर्दी में छिपे इंसानियत का प्रमाण देती है। अभी इंडियन पुलिस फाउंडेशन ने देश की एंबूलेंस सेवा में दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन की बड़ी हिस्सेदारी का जिक्र किया है। इस पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने ट्वीट भी किया।
The 800+ strong PCR vans did a wonderful job during the initial Corona period when public transport was not permitted. It had taken to hospitals more than 700 expecting mothers who did not have their own private transport. It was widely covered in the media then. https://t.co/B2zO1PFyV1
— CP Delhi #DilKiPolice (@CPDelhi) August 12, 2020
दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन की तारीफ यूं ही नहीं हो रही। इंडिया विस्तार के हाथ लगे दिल्ली पुलिस पीसीआर के कुछ आंकड़े ये बताते हैं कि कोरोना काल विशेषकर 22 मार्च से 11 अगस्त के बीच दिल्ली पुलिस की पीसीआर जिप्सियों ने मानवता का प्रमाण देने वाले कई काम किए हैं। जैसा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव अपने ट्वीट में बता रहे हैं कि इस दौरान 800 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को पुलिस जिप्सी में अस्पताल पहुंचाया गया।
कोरोना से संबंधित काल्स धीऱे-धीरे हो रहे हैं कम
कोरोना काल में दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन को सबसे ज्यादा कॉल लॉकडाउन से संबंधित मिले। दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन ने 67911(22मार्च-11अगस्त 2020) कॉल को अटेंड किया। लॉकडाउन के सबसे ज्यादा कॉल 22 से 31 मार्च के बीच (22814) आए थे। इसके बाद इस तरह के कॉल्स की संख्या कम हुई औऱ इस महीने यानि 1-11 अगस्त के बीच केवल 46 कॉल्स मिले हैं।
दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन ने इस दौरान भूख से संबंधित 11474 काल्स को भी अटेंड किया। इस तरह के काल्स 22-31 मार्च के बीच 5349, 1-15 अप्रैल के बीच 4722, 16-30 अप्रैल के बीच 765, 1-15 मई के बीच 451, 16-31 मई के बीच 119, 1-15 जून के बीच 50, 16-30 जून के बीच 7. 1-15 जुलाई के बीच 8, 16-31 जुलाई के बीच 1 और 1-11 अगस्त के बीच 2 हैं।
दिल्ली पुलिस पीसीआर की वैन ने इस दौरान कोरोना वायरस से संबंधित 3847 काल्स अटेंड किए। लेकिन कोरोना वायरस से संबंधित काल्स सबसे ज्यादा 22-31 मार्च के दौरान 3453 थे जबकि 1-15 अप्रैल के दौरान 230, 16-30 अप्रैल के दौरान 164 थे इसके बाद दिल्ली पुलिस के पास कोरोना वायरस से संबंधित कोई काल्स नहीं आया।
दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन को इस दौरान राशन से संबंधित 13809 काल्स मिले। इसमें सबसे ज्यादा कॉल्स 16-30 अप्रैल के दौरान 5124 काल्स मिले। 1-15 अप्रैल के दौरान 4744, 1-15 मई के बीच 2890, 16-31 मई के बीच 664, 1-15 जून के बीच 224, 16-30 जून के बीच 125, 1-15 जुलाई के बीच 22, 16-31 जुलाई के बीच 13 और 1-11 अगस्त के बीच 3 काल्स हैं।
दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन को कोरोना संदिग्धों के बारे में भी खूब कॉल्स मिले। इस दौरान पीसीआर वैन ने 12797 काल्स अटेंड किए। कोरोना संदिग्धों के बारे में सर्वाधिक काल्स 1-15 अप्रैल के बीच (3062) मिले। 22-31 मार्च के दौरान इसकी संख्या 1029 थी। 16-30 अप्रैल के बीच 3018, 1-15 मई के बीच 2235, 16-31 मई के बीच 1414, 1-15 जून के बीच 1159, 16-30 जून के बीच 455, 1-15 जुलाई के बीच 226, 16-31 जुलाई के बीच 154 और 1-11 अगस्त के बीच 45 रहे।
दिल्ली पुलिस पीसीआर वैन को कोरोना काल में डाक्टरों और स्वास्थयकर्मियों पर हमले की भी कई सूचनाएं मिलीं। 22-31 मार्च के बीच इस तरह की एक भी संख्या नहीं थी लेकिन 1-15 अप्रैल के बीच 15, 16-30 अप्रैल के बीच 42, 1-15 मई के बीच 21, 16-31 मई के बीच 10, 1-15 जून के बीच 25, 16-30 जून के बीच 13, 1-15 जुलाई के बीच 8, 16-31 जुलाई के बीच 4 और 1-11 अगस्त तक 6 है।
दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन प्रवासी मजदूरों से संबंधित सबसे ज्यादा काल्स 1-31 मई के बीच अटेंड किए। इस दौरान ऐसे 436 काल्स पुलिस को मिले थे। प्रवासी मजदूरों से संबंधित काल्स आने की रफ्तार 16 अप्रैल से शुरू हुई थी। 16-30 अप्रैल के दौरान पुलिस को 54 काल्स मिले थे। इसके पहले प्रवासी मजदूरों से संबंधित कोई काल्स नहीं थे। 1-15 जून के बीच 5 और 16-30 जून के बीच प्रवासी मजदूरों से संबंधित 1 काल्स मिला। इसके बाद इस तरह के काल्स बंद हैं।
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