digital war का संसार तेजी से फैल रहा है। सरकार भी कार्रवाई में तेजी भी ला रही है।मगर digital war के संसार में आपको भी तैयार रहना होगा। क्योंकि सारी तैयारी अधूरी है जब तक हम और आप तैयार नहीं है इस digital war में जंग जीतने के लिए। भारत का डिजिटल रणक्षेत्र तेजी से फैल रहा है। हमारी सतर्कता भी उतनी ही तेज़ होनी चाहिए।
digital war में गंवा रहे हैं इतने पैसे
केवल 2024 में ₹22,845 करोड़ की राशि साइबर धोखाधड़ी में गंवाई गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 206% की भयावह वृद्धि है। दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित स्कैम परिसरों द्वारा भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफ़ॉर्म, भावनात्मक शोषण और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की नक़ल जैसे हथकंडों के ज़रिए।
इनमें कई भारतीय भी शामिल हैं जो इन देशों में अवैध रूप से गए थे। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि विदेशों में साइबर अपराध में लिप्त किसी भी भारतीय पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गृह मंत्रालय की अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की झलक
कंबोडिया में 15 दिनों के भीतर 138 स्थानों पर छापे मारे गए, जिससे 3,000 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए, जिनमें 105 भारतीय और 606 महिलाएं शामिल हैं। इन स्कैम हब्स से बरामद वस्तुएं:
• नकली पुलिस वर्दियाँ (भारतीय और चीनी)
• ड्रग्स बनाने का उपकरण और नशीली दवाएँ
• लैपटॉप, मोबाइल, हथियार और साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल की गई सामग्री
भारत सरकार नागरिकों की कंबोडिया से वापसी की प्रक्रिया में जुटी है।
प्रमुख साइबर खतरे
• फंड फ्लिपिंग: माइक्रो-ट्रांजैक्शन के ज़रिए पैसा छिपाकर मनी लॉन्ड्रिंग
• पिग बुचरिंग स्कैम: दीर्घकालिक भावनात्मक धोखे के जरिए लाखों की ठगी
• डिजिटल अरेस्ट स्कैम: डर फैलाकर पुलिस की नक़ल कर वसूली करना
जागरूकता अभियानों की विफलता के कारण
• बेहद कम डिजिटल साक्षरता
• अंतरराष्ट्रीय कानूनी अड़चनों और धीमी प्रक्रिया
• शर्म और डर के कारण पीड़ित रिपोर्ट नहीं करते
रणनीतिक सुधार के जरूरी कदम
• FATF ट्रैवल रूल का सख्ती से पालन करें
• हाई-रिस्क क्रिप्टो एक्सचेंज को ब्लैकलिस्ट करें
• स्कैम पैटर्न पहचानने हेतु Chainalysis, TRM Labs जैसे AI टूल्स का उपयोग करें
• बहुभाषीय क्रिप्टो फॉरेंसिक टीमों का गठन करें
• द्विभाषीय कैंपेन चलाएं और साइबर क्राइम पोर्टल पर फ़ास्ट-ट्रैक समाधान सुनिश्चित करें
अपनी मदद ऐसे करें
• केवल प्रमाणित और परिचित स्रोतों से ही निवेश करें
• हर लिंक, ऐप और कॉलर की गहराई से जांच करें
• मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और हार्डवेयर वॉलेट का उपयोग करें
• संदेहास्पद गतिविधियों की तुरंत चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट करें
साइबरक्राइम अब केवल एक तकनीकी चुनौती नहीं बल्कि एक सामाजिक संकट बन चुका है। इस जंग को जीतने के लिए संगठित जागरूकता, सहयोग और नागरिक भागीदारी की ज़रूरत है। हर व्यक्ति की सहभागिता ही डिजिटल सुरक्षा की असली ताकत है।
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