lawrence bishnoi salman khan:आखिर लारेंस विश्नोई का इशारा क्या है, वह क्या चाहता है और उसका सिंडिकेट कैसे चलता है। इन सवालों के जवाब क्या आपको भी परेशान कर रहे हैं तो यह लेख आपके लिए है। इन सारे सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे। आखिर लॉरेंस और सलमान खान की दुश्मनी 26 साल पुरानी है तो अब क्यों वारदातें कर रहा विश्ननोई का गैंग।
who is lawrence bishnoi: कैसे चलता है उसका साम्राज्य
पिछले सात महीने की तीन बड़ी घटनाओं को याद कीजिए। अप्रैल में अभिनेता सलमान खान के घर फायरिंग, दिल्ली में जिम मालिक नादिर की सरेराह हत्या और अब मुंबई में बाबा सिद्दीकी की बुलेट प्रुफ कार पर फायरिंग कर सरेराह हत्या। इन तीन मामलो ने सनसनीखेज होने की वजह से जमकर सुर्खियां बटोरी और इसी के साथ लॉरेंस विश्नोई गैंग का भी बड़ा नाम हुआ।
सभी जानते हैं कि लॉरेंस बेशक जेल में हो मगर उसका दोस्त गोल्डी बरार औऱ भाई अनमोल विश्नोई विदेश में रहकर उसके खौफ के साम्राज्य को बढ़ाने की चेष्टा कर रहे हैं औऱ ये सारी घटनाएं उसी की कड़ी है। इन सभी मामलो में पुलिस बेशक शूटरों की धर पकड़ कर ले रही है मगर लॉरेंस औऱ उसके गैंग संचालकों का बाल बांका नहीं हो रहा है।
lawrence bishnoi salman khan:
सलमान से लॉरेंस की दुश्मनी 26 साल पुरानी बताई जाती है मगर इस साल सलमान के घर फायरिंग की साजिश रचना कुछ ना कुछ इशारा तो कर ही रहा है। दिल्ली के जिम मालिक नादिर के बारे में बताया जा रहा है कि उसके संपर्क बड़े पुलिस अफसरों से थे इस नाते उसे सुरक्षा की लगभग गारंटी भी मिली हुई थी मगर फिर भी उसे सरेराह मारा गया औऱ अब महाराष्ट्र की राजनीति और बॉलीवुड में गहरी पैठ रखने वाले बाबा सिद्दीकी की हत्या साफ तौर पर लारेंस गैंग के इशारे को समझा रही है।
जाहिर है खौफ का साम्राज्य और बड़ा करने के लिए लॉरेंस और उसके विदेश में बैठे गैंग संचालक ये सारा कारनामा कर रहे हैं। लॉरेंस विश्नोई गैंग के खिलाफ जांच करने वाली एनआईए की चार्जशीट की मानें तो लॉरेंस के सिंडिकेट में देश भर में 700 सदस्य हैं। एनआईए की कागजातों के मुताबिक लारेंस सिंडिकेट के गोल्डी बरार, सचिन विश्नोई, विक्रम बरार आदि देश से बाहर रह कर गैंग का संचालन कर रहे हैं।
यह लोग बब्बर खालसा के आतंकी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और लखबीर सिंह उर्फ लांडा से हथियार लेने के लिए जुड़े हैं। एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक लारेंस सिंडिकेट खलिस्तानी आतंकी संगठनो से उच्च क्वालिटी के हथियारों के लिए जुड़ा। जबरन वसूली का रैकेट चलाने के लिए जरूरी हथियार, हथगोले, आईईडी आदि देश में नहीं मिलते इसीलिए लारेंस सिंडिकेट ने रिंदा से हाथ मिलाया।
रिंदा और लखबीर सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ वाधवा के दाएं बाएं हाथ हैं। गैंगस्टर सिंडिकेट को अपने सदस्यों को भगाने और छिपाने के लिए विदेशो में बसे खलिस्तानी समर्थक आतंकियों से मदद मिलती है जिसके बदले में आतंकियों के इशारे पर गैंगस्टर टारगेट किलिंग को अंजाम देते हैं ।
एनआईए कागजातों में लारेंस गैंग के लोगों के काम भी विस्तार से बताया है। इसके मुताबिक गोल्डी बरार और लारेंस गैंग के प्रमुख संचालक हैं। जबकि लारेंस का भाई सचिन गैंग के लिए युवकों की भर्ती करता है। दुबई से अनमोल विश्नोई, विक्रम बरार औऱ अमेरिका से दमन सिंह गैंग का फाइनेंस देखते हैं। लारेंस और गोल्डी बरार शिकार का चयन करते हैं जिनको धमकाने का काम गैंग के विदेश में रह रहे दूसरे लोगों का होता है।
लारेंस सीधे किसी शूटर से बात नहीं करता है। गैंग के प्रत्येक सदस्य के लिए काम निर्धारित है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि लारेंस सारे गैंग का संचालन जेल से ही करता है औऱ उसने कई सालों से किसी भी मामले में जमानत के लिए आवेदन तक नहीं दिया। चार्जशीट में बताया गया है कि लारेंस के गैंग के लोग देश भर में फैले हैं इनकी संख्या 700 है जिसमें से 300 पंजाब के हैं। अगली बार फिर किसी नई जानकारी के साथ हाजिर हूंगा तब तक के लिए नमस्कार। कृपया इस चैनल को लाइक सबस्क्राइब कर दें।
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