जानिए 6 साल बाद दिल्ली में कैसे मिला बच्चा

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। एक बच्चा 6 साल से लापता था। पुलिस में मामला भी दर्ज था। लेकिन बच्चे को तलाश करने की सारी कोशिशें बेकार गई थीं। मां पिता उम्मीदें खो चुके थे लापता होते समय बच्चे की उम्र तीन साल थी। चार साल उसे लापता हुए हो गया था। इसी साल मार्च में दिल्ली पुलिस की एक दूसरी यूनिट में मामला ट्रांसफर हुआ और फिर बच्चा मिल गया।

साउथ वेस्ट दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त अमित गोयल के मुताबिक मध्य प्रदेश के टिकमगढ़ के रहने वाले रामचरण ने 6 जुलाई 2014 को पुलिस में अपने तीन साल के बच्चे अनुराग के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। मगर पुलिस की सरकारी कोशिशें बेकार गईं। अनुराग का 6 साल तक कुछ भी पता नहीं लगा। आखिरकार इस साल 25 मार्च को यह मामला साउथ वेस्ट के एंटी हुमैन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंप दिया गया। केस चुनौती से भरा था। खैर इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एसआई बिनोद कुमार ने अनुराग को तलाशने की फिर से कोशिश शुरू की। मदद के लिए एएसआई शिवचरण भी टीम में जुटे। पिछली जांच की फाइल खंगाली गई तो पता लगा कि मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम ने वैसे तो कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन पुलिस ने पास के दूसरे शहर में कुछ पता नहीं किया था। इस जानकारी के बाद एसआई बिनोद और शिवचरण ने गुड़गांव में लापता बच्चे को तलाशने वाली पुलिस सेल में जांच पड़ताल की। काफी मशक्कत के बाद पता लगा कि अनुराग के हुलिए वाला एक लड़का उसके लापता होने वाले दिन गुड़गांव फेज 2 पुलिस को मिला था। यह बच्चा दिल्ली गुडगांव रोड पर मिला था।जिसके बाद उसे गुड़गांव के अनाथालय उडयन केयर सेंटर में दे दिया था।

इस सूचना के मिलते ही एसआई बिनोद, एएसआई चरण और लेडी कांस्टेबल गुड्डी बच्चे के दिल्ली निवासी मामा नंद लाल के साथ उपरोक्त अनाथालय पहुंचे। अनाथालय के बाल कल्याण अधिकारी से सारे विवरण साझा किया गया। विवरण का मिलान करते ही समझ आ गया कि अनुराग वहीं है। लेकिन अब वह 9 साल का हो गया था। लिहाजा गुडगांव बाल कल्याण समिति की इजाजत के बिना उसे वापस पाना संभव नहीं था। फिर भी पुलिस ने हिम्मत नहीं हारी औऱ आखिरकार सारी कार्रवाही पूरी करने के बाद अनुराग को वापस उसे मां पिता को लौटा दिया गया है।

 

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