
नई दिल्ली, आलोक वर्मा। दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में कमी आई है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि यह कमी महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने औऱ इस दिशा में खास रणनीति के साथ काम करने का नतीजा है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने इस सिलसिले में एक ट्वीट भी किया। दिल्ली पुलिस की कोशिशों की बदौलत दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में करीब 30 प्रतिशत की कमी देखी गई है।
दिल्ली पुलिस का रात्रि गश्त, महिला मोबाइल टीम और स्कूल कालेजों के आसपास पीसीआर जिप्सियों में महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी ने छेड़खानी के मामलो में भी कमी लाई है।
Women safety is top priority. Crime against women is threat to society. In past 9 months it has come down by approx 30% in Delhi. Police deployment, women PCR vans, women safety Himmat Plus, 60 days deadline for filling chargesheet have worked. @LtGovDelhi @HMOIndia
— CP Delhi #DilKiPolice (@CPDelhi) October 23, 2020
दिल्ली पुलिस ने इस साल बलात्कार जैसे मामलों को ज्यादा संवेदनशीलता से जांच किया और इसके साथ ही महिला सुरक्षा से संबंधित कई कदम भी उठाए जिसके फलस्वरूप दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी दिखाई पड़ रहा है। इस दौरान महिलाओं से जुड़े हरेक मामले को महिला जांच अधिकारियों के ही हाथो जांच कराने पर जोर दिया गया। इसकी वजह से दिल्ली में ना केवल महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी आई बल्कि सजा की दर में भी सुधार हुआ है।
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध का ग्राफ
दिल्ली में इस साल महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के हसाब से देखें तो रेप में 27.97, शारीरिक छेड़छाड़ के मामलो में 32.91, छेड़छाड़ के मामलो में 18.51 प्रतिशत की कमी आई।
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की विश्लेषण किया जाए तो रेप के 97.66 प्रतिशत मामलो में महिलाएं अपने ही जानकार की शिकार बनी हैं। केवल 2.34 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिसमें अजनबी लिप्त रहे हैं। साल 2019 में 30 सितंबर तक रेप के 1723 और शारीरिक छेड़छाड़ के 2276 मामले दर्ज थे जबकि 2020 में रेप के 1241 और शारीरिक छेड़छाड़ के 1527 मामले दर्ज हैं। इस तरह रेप में 27.27 और शारीरिक छेड़छाड़ में 32.91 प्रतिशत् की कमी आई।
दिल्ली पुलिस का मानना है कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध की रोकथाम में सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक और सामाजिक समीकरण है। लेकिन फिर भी आला स्तर पर व्यापक कार्ययोजना और ठोस रणीनीति ने इस दिशा में काफी कामयाबी दी है।
स्थानीय निकायों को अंधेरी जगहों के बारे में सूचना देकर सजग करने के साथ साथ कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर संवेदनशील करना काफी काम आया है।
जिला औऱ थाना स्तर पर यौन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बदौलत रेप के 91.62, शारीरिक छेड़छाड़ के 82.71 और महिला सम्मान का अपमान करने के 76.61 प्रतिशत मामलो को सुलझाने में मदद मिली है।
सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने के मामले में पुलिस ने 30 सितंबर तक 28375 लोगों को गिरफ्तार किया।
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के विशलेषण में एक और तथ्य सामने आया है रेप के इस साल 30 सितंबर तक दर्ज केस के हिसाब से 548 मामलो में दोस्त या परिवारिक मित्र., 325 मामलो में अन्य जानकार, 157 मामलो में रिश्तेदार, 151 मामलो में पड़ोसी और केवल 31 मामलो में नियोक्ता या सहकर्मी शामिल रहे हैं। जबकि केवल 29 मामलो में अजनबियों के लिप्त होने का पता चला है।
दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के खिलाफ पुलिस के कदम
आपात्कालीन हेल्प लाइन नंबर 112(24 घंटे)
महिला हेल्प लाइन नंबर 1091(24 घंटे)
एंटी स्टॉकिंग सेवा-
हिम्मत प्लस एप्प
महिला पुलिस पीसीआ वैन- 15 अहम् जगहों पर तैनात(इस वैन में चालक से लेकर वैन इंचार्ज तक महिला पुलिसकर्मी होती हैं।
थाना स्तर पर महिला सुरक्षा समिति
मनोरंजन स्थल और मॉल आदि से लौटने वाले उन रास्तों पर पिकेटिंग और पेट्रोलिंग के जरिए सुरक्षा जहां से महिलाओं का गुजरना होता है।
सार्वजनिक जगहों पर जागरूकता और आवारागर्द लोगों पर कार्रवाई।
मेट्रो और रेलवे स्टेशनों पर विशेष जांच अभियान
सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग
इस साल 30 सितंबर तक 360 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए 59787 महिलाओं को स्वयं सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
प्लेसमेंट एजेंसियों की निगरानी
स्थानीय निकायों के साथ तालमेल कर अंधेरी जगहों आदि पर रोशनी, सीसीटीवी आदि का प्रबंध
काले शीशों और सार्वजनिक परिवहन के साधनों पर ट्रैफिक पुलिस की निगरानी
कॉस सेंटरों, बिजनेस हाउसों को महिला सुरक्षा से संबंधित निर्देश।
कानूनी जागरूकता अभियान
लिंग संवेदनशीलता अभियान
रेप के मामलों की जांच पर डीसीपी स्तर के अफसर की निगरानी और आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद 20 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल करना।
पुलिस थानो में महिला हेल्प डेस्क
जन शिकायत अधिकारी की तैनाती
सभी थानाध्यक्षों को अपने इलाके में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित उपायों को अमल में लाने का सख्त निर्देश दिया गया है।