देवघर को जानिए शिव शक्ति का वास है भगवान विष्णु ने की थी स्थापना

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देवघर
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देवघर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हवाई अड्डा के साथ साथ एम्स की सौगात भी दे दी। देवघर धर्म में इतना अहम क्यों है यह आपको बताते हैं। देवघर को लोग वैद्यनाथ धाम भी बोलते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगो में वैद्यनाथ धाम 9 वां ज्योतिर्लिंग है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक वैद्यनाथ धाम की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने की थी। वैद्यनाथ धाम झारखंड के देवघर में ही स्थित है। बाबा वैद्यनाथ धाम के नाम से यूं तो यह जगह संसार भर में प्रसिद्ध है मगर बहुत कम लोगों को ये पता है कि यह वो पवित्र स्थान है जहां शिव और शक्ति दोनों का मिलन होता है। एक साथ ज्योतिर्लिंग और शक्ति कहीं और देखने को नहीं मिलती।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देवघर में शिव से पहले शक्ति का वास है। बावन शक्ति पीठों में इसे हाद्रपीठ के रूप में जाना जाता है। इसे चिता भूमि के नाम से भी जाना जाता है।

कहा जाता है कि जब शिव सति के शव को लेकर तांडव कर रहे थे उस वक्त भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से देवी सति का ह्रदय देवघर में ही गिरा था। मान्यताओं के अनुसार उस अंग का देवताओं द्वारा विधि विधान से अग्नि संस्कार किया गया। इसीलिए लोग इसे चिता भूमि के नाम से भी जानने लगे। कहा जाता है कि आज भी देवघर में मिट्टी की खुदाई करने पर राख निकलती है।

कहा यह भी जाता है कि जहां सति का ह्रदय गिरा था उसी स्थान पर बाबा वैद्यनाथ की स्थापना की गई है। यहां के श्मशान को भी महाश्मशान का दर्जा दिया गया है। तंत्र मार्ग में देवघर को बहुत महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। जानकारों की मानें तो यहां कोई भी तांत्रिक अपनी साधना पूरा नहीं कर पाया है।

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