Kalki Avtar-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी के संभल में कल्कि धाम का शिलान्यास कर दिया है। इस मंदिर का निर्माण कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। संभल में बनने जा रहा ये मंदिर बहुत ही खास है। 5 एकड़ जगह में बनने जा रहे इस मंदिर के निर्माण में 5 साल लगेंगे। इस मंदिर में भगवान विष्णु के दस अवतारों के लिए अलग-अलग गर्भ गृह होंगे। यहां हम कल्कि अवतार के बारे में कुछ अहम बातें जानेंगे।
Kalki Avtar-अद्भुत है विष्णु के आखिरी अवतार की बातें
भगवान कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां और आखिरी अवतार माना जाता है। कल्कि पुराण और अग्नि पुराण के मुताबिक श्रीहरी का कल्कि अवतार कलियुग के अंत में होगा। इसके बाद धरती से सभी पापों और बुरे कर्मों का विनाश होगा। अग्नि पुराण के 16 वें अध्याय में कल्कि का चित्रण तीर कमान लिए घुड़सवार के रूप में किया गया है।
अग्नि पुराण में कल्कि के घोड़े का नाम देवदत्त बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक कलियुग का अभी प्रथम चरण चल रहा है। कलियुग 432000 वर्ष का है। इसके आखिरी में कल्कि अवतरित होंगे। कल्कि पुराण के मुताबिक भगवान कल्कि का जन्म भी यूपी के संभल में ही होगा। ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने वाले कल्कि महान योद्धा होंगे।
भगवान विष्णु का दसवां अवतार 64 कलाओं से परिपूर्ण होगा। इनरे गुरु परशुराम होंगे। इन्हीं के कहने पर वह शिव की तपस्या करेंगे। शिव की तपस्या कर वह दिव्य शक्तियां हासिल करेंगे। मान्यताओं के मुताबिक भगवान कल्कि के पिता का नाम विष्णुयश होगा औऱ माता का नाम सुमति होगा। विष्णुयश पुराणों और वेदों के बहुत बड़े ज्ञाता होंगे। भागवान कल्कि अवतार के समय उनकी पत्नी के रूप में अवतरित हुईं माता लक्ष्मी का नाम पद्मा होगा।
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