Jharkhand news-आयुष मल, पटना,ये कोई नई बात नहीं है कई बार खबरों में ये देखा, सुना पढ़ा जाता है कि पुलिस अधिकारी ने फलां मंत्री अधिकारी या पावर के पैर छूए। मगर झारखंड के धनबाद में पुलिस अधिकारी जिस शख्स के पैर छूने या सानिध्य पाने जाते हैं वो ना तो मंत्री है ना ही साधु और ना ही किसी पावर का सेंटर। कोयला-कारोबार और कोल माफिया के लिए बदनाम धनबाद के एक जर्जर से मकान में रहने वाला ये व्यक्ति कोई माफिया भी नहीं जिसका खौफ हो।
Jharkhand news hindi
यह सत्य दास्तान एक ऐसे शख्स की है जो 79 साल का बुजुर्ग है। नाम है सत्य नारायण सिंह। उनके पास ना तो पैसा है ना ही पावर मगर संबंध है ईमानदारी मेहनत और कामयाबी से। सत्य नारायण सिंह झारखंड के डीएसपी पद से रिटायर्ड हैं और आजकल निजी कंपनी में मैनेजर के पद पर काम करते हैं।
दो भाईयों में छोटे सत्यनारायण पर भी बोझ पड़ा। इस जिम्मेवारी को निभाने के लिए 13 साल का सत्यनारायण पिता संग मुजफ्फरपुर में सब्जी बेचने लगा। जैसे तैसे घर का गुजारा चल रहा था। सुबह 9 बजे तक सब्जी बेच कर 10 बजे स्कूल जाना और फिर लौट कर सब्जी बेच सत्यनारायण शनिवार को दोपहर में स्कूल से छुट्टी होने पर दूसरे हर जाकर सब्जी बेच कर रविवार की शाम वापस लौटजाते ताकि सोमवार को स्कूल ना छूटे। पढ़ाई का उन्हें बहुत शौक था ।
सब्जी बेच कर कमाए गए पैसो से वो अपना और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक करने की कोशिश करते। बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने 18 साल की उम्र में एक ठेकेदार के यहाँ मुंशी का काम शुरू किया। वेतन मिलते थे 20 रुपए और इसी में से बचकर उन्होंने 1955 में अपनी बहन की शादी में मदद की। शिक्षा में बाधा न आये इसके लिए उन्होंने ट्रैन में सफाई का काम भी शुरू कर दिया। इसी दौरान उनकी मुलाकात अपने गुरु रिजवी जी से हुई । सत्यनरायन के संघर्ष से प्रभावित रिजवी जी ने तत्कालीन एसपी जगदानन्द से कहके उन्हें टाइपराइटर की नौकरी दिलवा दी। वे सुबह टाइप करते और शाम को गरीब बच्चो को मुफ्त शिक्ष देते । कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत 1966 में उन्हें बिहार पुलिस में दरोगा की नौकरी मिली। पुलिसिया नौकरी के दरम्यान सत्यनरायन को बड़ी मुश्किलो का सामना करना पड़ा। 40 साल की उम्र में ही उन्हें शुगर और ब्लडप्रेशर जैसे रोगों ने घेर लिया।
लेकिन कठिन परिश्रम और मेहनत के आगे बीमारियों ने भी हार मान लिया। वो सुबह 4 बजे उठते है योग करते है और मिलने वालों को संतोष और आत्मविस्वास को सबसे बड़ी पूंजी बनाने की सलाह देते है। पूजा के स्थान पर उन्होंने गुरु रिजवी जी की तस्वीर लगा रखी है। इस्लामिक धर्म के रिजवी जी की तस्वीर हिन्दू धर्मस्थल पर लगना अपने आप में मिसाल है। पूरी नौकरी में सरकारी धन का कभी इस्तेमाल न करने वाले सत्यंनारायण के विचारों को मानने और उनके सानिध्य को भगवान का सानिध्य मानने वाले बिहार के आईपीएस एस के भरद्वज कहते है कि सत्यनारायण जैसे संघर्षशील और कर्तव्यनिष्ठ कोई और नही हो सकता। बिहार निगरानी में तैनात डीएसपी विनय कुमार सिंह के मुताबिके भ्रष्टाचारियों के पसीने छूट जाते थे।
सत्यनारायण आज भी कमाए पैसो को 3 हिस्सो में करते है 1 हिस्सा खुद दूसरा परिवार और 3रा गरीबो का होता है।
पढ़ने योग्य
- Airport-एयरपोर्ट पर इन शब्दों के इस्तेमाल पर है पाबंदी, जाना पड़ सकता है जेल
- Crime Story-दिल्ली सहित कई राज्यों में खौफ फैलाने वाले गैंगस्टर हिमांशु भाऊ की पूरी कहानी
- Tihar Jail-इस जेल का नाम तिहाड़ क्यों पड़ा, जानिए इसकी वजह
- Govenment Alert-डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं के खिलाफ सरकार ने दिए ये अलर्ट, की ये कार्रवाई
- el nino and la nina-क्या होता है ला नीना, कैसे तय होता है इससे मौसम ? जानिए विस्तार से