आप आई-फोन खरीदने का विचार कर रहे हैं तो पहले ये ठीक से जांच लें कि आपको दिया जाने वाला आई फोन नकली या असली। क्योॆंकि नकली आई फोन बेचने का काला कारोबार संगठित रूप से किया जा रहा है और इस धंधे में चीन के चोरों से लेकर आनलाइन फोन बेचने वाली कंपनियां तक शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसने नकली आई फोन के लिए बकायदा सेंटर खोल रखा था।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के ज्वायंट सीपी प्रवीर रंजन के मुताबिक डीसीपी भीष्म सिंह की देखरेख में पुलिस टीम ने 4 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो नकली आईफोन को असली बताकर बेच रहे थे। नकली को असली बनाने के लिए इन लोगों ने मशीन भी लगा रखी थी। और नकली आईईएमएआई चीन से आनलाइन चैट के जरिए मंगाया जाता था।
क्राइम ब्रांच ने दिल्ली की गफ्फार मार्केट में छापा मारकर करीब 500 आईफोन बरामद किए। इस सिलसिले में मुनीर खान, अनस खान, मोहम्मद हमजा खान और मोहम्मद इब्राहिम को गिरफ्तार किया गया। इनसे पूछताछ में पुलिस को कई सनसनीखेज जानकारी मिली।
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह लोग लेजर मशीन की मदद से डुप्लीकेट IMEI स्टीकर बनाकर फोन के असली IMEI नंबर से बदल देते थे। इतना ही नहीं, यह लोग असली आईफोन जैसी पैकिंग भी किया करते थे। नकली आईफोन को ऑनलाइन भी बेचा जा रहा था।
सूत्रों की मानें तो इस गोरखधंधे में कुछ ऑनलाइन कंपनियां भी शामिल हैं। यह लोग आईफोन के लेटेस्ट मॉडल्स की कॉपी मंगवाकर उनका IMEI नंबर बदल ग्राहकों को चूना लगा रहे थे।
कोई भी ग्राहक अगर खराब आईफोन ठीक करवाने आता है तो यह लोग ज्यादा खर्च बताकर असली बिल के साथ उनसे फोन खरीद लेते हैं। फोन में टेक्निकल डिफेक्ट होने की बात कहकर एप्पल कंपनी के कर्मचारियों से साठ-गांठ करके फोन स्वाइप कराते हैं और फिर IMEI नंबर बदलकर उन्हें मार्केट में बेच दिया जाता है।
नकली फोन बनाने वाले लोग हांगकांग की पुरानी मार्केट से भी फोन खरीदते हैं। साथ ही यह लोग चीन से आईफोन की फर्स्ट कॉपी मंगवाकर भी बेचते हैं। डीसीपी क्राइम भीष्म सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ कर इस रैकेट में शामिल लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है। इनके साथ जुड़े एप्पल कंपनी के कर्मचारियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।