दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जिसने देश भर में पैन इंडिया फ़ॉरेक्स एक्सचेंज फ्रॉड के ज़रिए करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया। यह मास्टरमाइंड खुद को फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़ा एक बड़ा नाम बताकर व्यापारियों को विदेशी मुद्रा (US डॉलर और यूरो) के आकर्षक सौदों का लालच देता था और फाइव स्टार होटलों में फ़िल्मी अंदाज़ में धोखा देकर फरार हो जाता था।
फ़ॉरेक्स एक्सचेंज फ्रॉडःकोलकाता से दिल्ली तक फैला
गिरफ्तार अपराधी की पहचान कृष्ण कुमार शर्मा के रूप में हुई है, जो दिल्ली के उत्तम नगर इलाके से पकड़ा गया। यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब कोलकाता के शेक्सपियर सरानी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ ₹14,50,000/- की ठगी का मामला दर्ज हुआ।
- कोलकाता फ्रॉड: आरोपी ने एक पीड़ित को USD 15,000/- और यूरो 1,000/- का लालच देकर धोखा दिया, जिसकी कुल कीमत लगभग ₹14,50,000/- थी। इस मामले में CJM, कलकत्ता ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
- दिल्ली में ठगी: दिल्ली के कनाट प्लेस में भी शिवम पांडे की शिकायत पर एक मामला दर्ज था, जहाँ आरोपी कृष्ण@राघव ने कथित तौर पर एक पानी की बोतल में हिप्नोटाइज करने वाला पदार्थ मिलाकर, पीड़ित से USD 25,000/- (लगभग ₹20 लाख) से भरा बैग गायब कर दिया था। इस मामले में वह पहले गिरफ्तार हो चुका था और जमानत पर था।
क्राइम ब्रांच की दबिश: उत्तम नगर से हुई गिरफ्तारी
डीसीपी हर्ष इंदौरा (क्राइम ब्रांच) के अनुसार, उनकी टीम लगातार इस भगोड़े अपराधी की तलाश में थी। वेस्टर्न रेंज-11 में तैनात SI अनुज छिकारा को एक गुप्त सूचना मिली कि कोलकाता मामले में वांछित अपराधी कृष्ण कुमार शर्मा, किसी से मिलने के लिए किरण गार्डन, उत्तम नगर, दिल्ली आएगा।
सूचना मिलते ही, इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में SI अनुज छिकारा, HC रविंदर सिंह, HC प्रमोद, HC आज़ाद और W/Ct काजल शामिल थे। श्री राजपाल डबास, ACP/WR-II की देखरेख में और श्री हर्ष इंदौरा, DCP/क्राइम-III के मार्गदर्शन में, टीम ने तुरंत कार्रवाई की।
SI अनुज छिकारा और HC रविंदर ने टेक्निकल सर्विलांस का इस्तेमाल किया और आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर ली। सटीक सूचना के आधार पर, टीम ने किरण गार्डन, उत्तम नगर में जाल बिछाया और मास्टरमाइंड कृष्ण कुमार शर्मा को दबोच लिया।
ठगी का फ़िल्मी अंदाज़: ‘द होटल हनीमून प्लान’
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इस गैंग के काम करने का तरीका किसी फ़िल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जिसे डीसीपी हर्ष इंदौरा ने ‘द होटल हनीमून प्लान’ नाम दिया है।
- फ़र्ज़ी पहचान: मुख्य आरोपी कृष्ण शर्मा खुद को फ़िल्म इंडस्ट्री का बड़ा व्यवसायी या निर्देशक बताता था और पीड़ितों को आने वाले फ़िल्म प्रोजेक्ट्स के लिए अभिनेताओं से मुलाकात करवाने का झूठा वादा कर उनका विश्वास जीतता था।
- दिखावा: विश्वास जीतने के लिए, गैंग के सदस्य (जिसमें कृष्ण का भतीजा मयंक शर्मा, बाउंसर और मेकअप मैन शामिल होते थे) फ़ाइव स्टार होटलों में महंगे कमरे बुक करते थे। यह पूरा सेटअप ऐसा होता था कि व्यापारी कृष्ण शर्मा को एक बड़ा निर्देशक मान लें।
- धोखाधड़ी: मीटिंग्स अक्सर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच रखी जाती थीं। जब व्यापारी अमेरिकी डॉलर/यूरो लेकर आते थे, तो गैंग के सदस्य उन्हें यह कहकर बेडरूम में ले जाते थे कि वे डॉलर मैनेजर को दिखाकर तुरंत भारतीय मुद्रा लेकर वापस आएंगे।
- पलायन: लेकिन असल में, वे बेडरूम के दरवाज़े से भाग जाते थे। जब व्यापारी कुछ देर बाद बेडरूम चेक करते थे, तो उन्हें पता चलता था कि बेडरूम के दरवाज़े से बाहर निकलने का रास्ता खुला था और ठग फरार हो चुके थे।
फ़्रॉड के बाद फ़रारी का तरीका
गिरफ्तारी से बचने के लिए यह गैंग बेहद शातिर तरीके अपनाता था:
- एयर ट्रैवल: धोखाधड़ी को अंजाम देने के तुरंत बाद, वे फ़्लाइट टिकट बुक करते थे और हवाई जहाज़ से उड़ जाते थे ताकि उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो।
- कैश पेमेंट: सभी फ़्लाइट्स और फाइव-स्टार होटलों की बुकिंग सिर्फ़ कैश में की जाती थी, जिससे डिजिटल ट्रेसिंग न हो सके।
- टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग: वे कई मोबाइल फ़ोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे और अपनी बातचीत के लिए Zangi ऐप का उपयोग करते थे।
- सुरक्षा उपाय: अपराध करते समय, गैंग अपनी सुरक्षा के लिए महिलाओं का चिली स्प्रे और क्लोरोफ़ॉर्म जैसी चीज़ें भी साथ रखता था।
यह गैंग कई ट्रैवल कंपनियों और फ़ॉरेक्स एक्सचेंजर्स को भी धोखा दे चुका है। क्राइम ब्रांच की यह गिरफ्तारी फ़ॉरेक्स फ्रॉड के मामलों में एक बड़ी सफलता है और इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के लिए आम जनता को सतर्क रहने का संदेश देती है।









