एक कविता कोरोना पर

0
469
corona
yashoyash
डाॅ.यशोयश

(1) सुनी धरती सूना अंबर सूना सब संसार
कॉरोना का असर बढ़े ना केवल यह उपचार
केवल सह उपचार घरों में कैद रहें
निभा सभी कर्तव्य अर्ज़ कुछ दर्द सहें
कहें ‘यशोयश’ लाॅकडाउन में आऐ पहला नंबर
रखें दूरिया कभी न हो सुनी धरती सूना अंबर

(2) सुख-दुःख सभी तटस्थ है, जीवन की रीति।
संस्कार सब ऐसे पाए गाए पावन गीत।
गाए पावन गीत मधुर, कुछ छंद सुनिए।
जीवन के अनुराग रागमन कुछ खोए कुछ पाए।
कहें ‘यशोयश’ घर में कैद, तभी रहोगे स्वस्थ।
जब तक साँसें तब तक,सुख-दुःख सभी तटस्थ।

डाॅ.यशोयश
कवि एवं साहित्यकार , आगरा

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now