(1)जान बेशकीमती है बचा लीजिए।
धूम इस बार घर में मचा लीजिए।
लाॅकडाउन का करके पालन प्रिये,
महामारी में इतिहास रचा लीजिए।
(2)कुछ दिन और तुम घरों में रहो।
गीत गाओ सुरीले स्वरों में रहो।
काॅरोना का कहर कुछ न कर पाऐगा।
खुद की लेकर खबर खबरों में रहो।
डाॅ.यशोयश
कवि एवं साहित्यकार
आगरा