मुक्तक

0
415
डाॅ.यशोयश

(1)जान बेशकीमती है बचा लीजिए।
धूम इस बार घर में मचा लीजिए।
लाॅकडाउन का करके पालन प्रिये,
महामारी में इतिहास रचा लीजिए।

(2)कुछ दिन और तुम घरों में रहो।
गीत गाओ सुरीले स्वरों में रहो।
काॅरोना का कहर कुछ न कर पाऐगा।
खुद की लेकर खबर खबरों में रहो।

डाॅ.यशोयश
कवि एवं साहित्यकार
आगरा

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now