crime alert: हर वारदात के बाद बदल लेता था नाम जानिए कैसे पकड़ा गया दिल्ली के डॉक्टर की हत्या का यह मास्टरमाइंड

crime alert: वह 22 साल पहले नेपाल से रोजी रोटी की तलाश में भारत आया था। हिमाचल प्रदेश में वद मजदूरी करने लगा। मगर पैसे की लालच में जल्द ही अफीम की तस्करी में लिप्त हुआ।

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crime alert: वह 22 साल पहले नेपाल से रोजी रोटी की तलाश में भारत आया था। हिमाचल प्रदेश में वद मजदूरी करने लगा। मगर पैसे की लालच में जल्द ही अफीम की तस्करी में लिप्त हुआ। जब इसमें पकड़ा गया तो जहर खुरानी गिरोह के साथ मिलकर नशीला पदार्थ खिलाकर लूटपाट करने लगा। जब इस वारदात में भी दाल नहीं गली तो उसने घर में काम करने वाली मेड से मिलकर एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया जिससे पूरी दिल्ली में सनसनी फैल गई। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने आखिरकार 50 हजार के इनामी इस मास्टरमाइंड को दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक वह हर वारदात के बाद नाम बदल लिया करता था।

crime alert: दिल्ली में वारदात को अंजाम देने के बाद से ही फरार था

दिल्ली क्राइम ब्रांच डीसीपी संजय सेन के मुताबिक 10 मई को दिल्ली के जंगपुरा में 63 साल के डॉक्टर योगेश चंद्र पॉल की घर में घुसकर लूटपाट के बाद हत्या कर दी गई थी। स्थानीय पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद घर की मेड और उसके दो साथी आकाश और हिमांशु को गिरफ्तार कर लिया। मगर वारदात का मास्टर माइंड विष्णुस्वरूप शाही फरार था। उसकी गिरफ्तारी पर 50 का पुरस्कार भी घोषित किया गया।

ऐसे मिला सुराग

क्राइम ब्रांच ने उसे दबोचने के लिए एसीपी रमेश चंद्र लांबा की निगरानी में इंस्पेक्टर सत्नेद्र मोहन के नेतृत्व में एसआई गौरव, अंकित, हेडकांस्टेबल नवीन, तरूण, नितेश, सुनील और विनोद की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने मामले की जांच शुरू की तो हेडकांस्टेबल विनोद को कुछ पुराने मोबाइल नंबर मिले। 15 दिनों की कड़ी सीडीआर विश्लेषण के बाद पाया गया कि अपराध करने के बाद आरोपी ने लगभग 08 मोबाइल सेट और लगभग 20 सिम बदले हैं।

पुलिस ने फिर और जांच की तो पता लगा कि आरोपी वर्तमान में सुकेत घाटी, सुंदर नगर, हिमाचल प्रदेश में है, जो नेपाल भागने की कोशिश कर रहा है। पुलिस टीम हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हुई लेकिन आरोपी देहरादून भाग गया था। टीम फिर से देहरादून पहुंची और पाया कि वह कहां से भारत-नेपाल सीमा पर बनबासा के लिए बस में सवार हुआ था।

पुलिस टीम ने 24 घंटे में लगातार करीब 1600 किलोमीटर का सफर तय किया और आखिरकार बनबासा से विष्णुस्वरूप को दबोचने में कामयाब हो गई। विस्तृत पूछताछ के दौरान पता चला कि मृतक की मेड ने उसे डॉक्टर के घर में भारी मात्रा में नकदी और आभूषण होने की जानकारी दी थी। इसलिए उसने अपने साथी भीम जोरा जो नेपाल का रहने वाला है, के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को डकैती करने के लिए उकसाया।

अपराध करने से पहले उसने घर की रेकी की और किसी को शक न हो, इसके लिए भीम जोरा की पत्नी को भी अपराध में शामिल कर लिया। नौकरानी के कहने पर वे घर में घुसे और डकैती के दौरान उन्होंने घर के मालिक यानि डॉक्टर की हत्या कर दी और आभूषण और नकदी लूटकर नेपाल भाग गए। लूटी गई लूट में से उसे ₹40,000/- और 13 ग्राम सोना मिला।

उसकी पत्नी और बेटी हिमाचल प्रदेश के सोलन में रहती हैं, कई महीने नेपाल में रहने के बाद वह उनसे मिलने वापस लौटा। खुद को छिपाने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था और वापस नेपाल जा रहा था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसने यह भी खुलासा किया कि उसे पहले 2018 और 2020 में सोलन, हिमाचल प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जमानत के बाद वह पेश नहीं हुआ, इसलिए दोनों मामलों में उसे अपराधी घोषित कर दिया गया।

crime alert हर बार बदल लेता था नामः

विष्णुस्वरूप शाही उर्फ ​​शक्ति साईं उर्फ ​​सत्य साईं उर्फ ​​सूर्य प्रकाश शाही उर्फ ​​गगन ओली उर्फ ​​कृष्णा शाही 5वीं कक्षा तक पढ़ा है। वह शादीशुदा है और नेपाल का रहने वाला है। वह पहली बार वर्ष 2002 में आजीविका की तलाश में भारत आया था और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में मजदूरी करने लगा था। बाद में उसने अफीम के अवैध व्यापार का काम शुरू किया और एनडीपीएस एक्ट के मामलों में दो बार गिरफ्तार हुआ। उसके बाद उसने अपने लालच को पूरा करने के लिए अपने साथी के साथ मिलकर नशीला पदार्थ (जहर खुरानी) देकर चोरी की वारदातें करनी शुरू कर दीं इस तरह वह नौकरानी के संपर्क में आया और अपराध को अंजाम दिया। वह हर घटना के बाद अपना नाम बदल लेता था और वर्तमान में फर्जी आईडी पर गगन ओली नाम का इस्तेमाल कर रहा था।

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