crime alert: स्कूटी का किश्त चुकाने के लिए साउथ दिल्ली में एक लड़के ने ऐसा साजिश रची कि घंटो दिल्ली पुलिस के हाथ पांव फुल गए। इस लड़के ने पहले instagram पर एक लड़की के नाम से फर्जी खाता खोला फिर एक नाबालिग को चंगुल में फांसकर उसका किडनैप कर लिया। इस साजिश में उसके दो दोस्तों नें भी मदद की। पुलिस ने तीनो को दबोच कर अपह्रत नाबालिग को इनके चंगुल से आजाद करवा लिया है।
crime alert: ऐसे शुरू हुआ मामला
साउथ दिल्ली के एडिशनल डीसीपी अचिन गर्ग के मुताबिक 12 मार्च 2025 की तड़के पुलिस को एक पीसीआर कॉल के माध्यम से अपहरण के मामले की सूचना मिली। शिकायत देने वाले ने अपने 17 साल के चचेरे भाई के किडनैप होने की सूचना दी। पुलिस को पता लगा कि साकेत मेट्रो स्टेशन पर उसका भाई इंस्टाग्राम के जरिए दोस्त बनी लड़की से मिलने गया था जहां तीन अजनबियों ने उसे जबरदस्ती स्कूटी पर बिठा लिया और अपने साथ ले गए थे।
इसके तुरंत बाद 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी गई थी। मामले को सुलझाने के लिए एसीपी महरौली की निगरानी और महरौली एसएचओ इंस्पेक्टर संजय सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अनुराग सिंह, एसआई नरेन्द्र, एसआई मनीष फोगट, हेडकांस्टेबल सतीश, रविंदर, कांस्टेबल विनोद, महिंदर, मिलन और नरेन्द्र की टीम बनाई गई। सीसीटीवी फुटेज आदि की जांच के टीम ने जब instagram खाते की जांच की तो पता लगा कि जिस कॉल से फिरौती मांगी जा रही थी वह आंध्र प्रदेश के एक बैंक खाते से जुड़ा हुआ पाया गया।
पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण बैंकिंग जानकारी निकालने के लिए लगातार संबंधित लोगों से संपर्क किया। पीड़ित के अंतिम ज्ञात मोबाइल लोकेशन का पता संगम विहार में लगाया गया, जिससे क्षेत्र में व्यापक फील्ड पूछताछ और खुफिया जानकारी एकत्र की गई। जैसे ही बैंकिंग विवरण का पीछा किया गया, पुलिस टीमों ने व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम लॉगिन के लिए इस्तेमाल किए गए आईपी पते को पुनः प्राप्त करने पर भी ध्यान केंद्रित किया।
बारीकी से विश्लेषण निगरानी और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से, आरोपी व्यक्ति का स्थान संगम विहार क्षेत्र में पाया गया, लेकिन आरोपी बार-बार अपना स्थान बदल रहे थे। पुलिस ने लोकेशन का लगातार पीछा कर करणी सिंह शूटिंग रेंज, तुगलकाबाद के पास जंगली इलाके की ओर भागने रहे आरोपियों का गहन पीछा करने के बाद उन्हें पकड़ लिया। पीड़ित को सुरक्षित पाया गया और उसे बचा लिया गया। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी निशानदेही पर अपराध में प्रयुक्त एक स्कूटी तथा इंस्टाग्राम पर डमी लड़की के प्रोफाइल के माध्यम से फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजकर पीड़ित को फंसाने में प्रयुक्त एक मोबाइल फोन बरामद किया गया।
पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने बताया कि उसने 18000 रुपये का डाउन पेमेंट कर देवली, खानपुर से नई स्कूटी खरीदी थी। नई स्कूटी का शेष भुगतान करने के लिए उसने इंस्टाग्राम पर एक डमी लड़की की फर्जी आईडी बनाने का निर्णय लिया तथा किसी को अगवा करने की योजना बनाई। दिलचस्प बात यह है कि आरोपी पढ़ना-लिखना नहीं जानता है तथा पीड़ित से चैट के दौरान सुनने व टाइप करने के लिए गूगल ट्रांसलेट का प्रयोग करता था, जो अपराध में तकनीकी सहायता के प्रयोग को दर्शाता है।
इसके लिए उसने अपने दोस्तों को भी शामिल किया। घटना वाले दिन उसने पीड़ित को फोन किया तथा पीड़ित के फोन से उसके माता-पिता को फिरौती के लिए कॉल की। और सोशल मीडिया पर संभावित पीड़ितों को फंसाने के लिए करते हैं। मुख्य आरोपी ने पैसे कमाने के लिए रेपिडो/जेप्टो के रूप में इस्तेमाल करने के लिए स्कूटी खरीदी थी। अन्य फ्रीलांसर के रूप में वेटर के रूप में काम करते हैं।
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