दिल्ली में पकड़े गए बच्चों के तस्कर, झारखंड से मालदा तक नेटवर्क, वीडियो भी देखें

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। दिल्ली की द्वारका पुलिस ने लावारिस हालत में पाए गए बच्चे की मदद से मानव तस्करों के एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है।यह गैंग झारखंड के गरीब परिवारों के बच्चों को काम दिलाने के नाम पर दिल्ली लाकर उनसे मोबाइल फोन चोरी करवाता था।

द्वारका पुलिस उपायुक्त संतोष कुमार मीणा के मुताबिक 15 जनवरी को द्वारका सेक्टर6 के वीकली मार्केट में एत बच्चा लावारिस औऱ संदिग्ध हालत में मिला। पूछताछ करने पर पता लगा कि एक गैंग उससे जबरदस्ती चोरी करवाता है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने बाल कल्याण कमेटी के सामने बच्चे को पेश कर उसकी काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के दौरान बच्चे ने झारखंड के साहेबगंज के विशाल नाम के शख्स का नाम लिया। बच्चे ने पुलिस को बताया कि विशाल उसे नौकरी के बहाने दिल्ली लेकर आया था लेकिन दिल्ली पहुंचने के बाद उससे जबरदस्ती मोबाइल फोन की चोरी करवाने लगा। उसने यह भी बताया कि कुछ औऱ बच्चे इसी तरह गैंग के शिकार हुए हैं। इस जानकारी के बाद एसीपी सुनील कुमार की देखऱेख में द्वारका साउथ एसएचओ राकेश डडवाल के नेतृत्व में अतरिक्त थानाध्यक्ष सतबीर, एसआई मनमोहन सिंह, एसआई मेहराब आलम, विक्रमजीत सिंह, महिलाएसआई ज्योति यादव, एएसआई सुभाष, हेडकांस्टेबल प्रवीण, ओमप्रकाश, कांस्टेबल अनू, झबरमल औऱ शक्ति की टीम बनाई गई।

नांगलोई और ख्याला जैसे इलाको में छापेमारी करने औऱ गहन जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने 8 साल के एक औऱ बच्चे को रेस्क्यू कराकर शेख दिलदार और बिहारी चौधरी नाम को दो लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनो आरोपियो ने पुलिस को बताया कि झारखंड से बच्चों को लाकर उन्हें चोरी की दुनिया में धकेलने का संगठित धंधा चल रहा है। आगे की जांच में पुलिस ने अमर सिंह उर्फ ताऊ और कन्हैया कुमार नाम के दो औऱ तस्करों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई। इनकी निशानदेही पर आटो रिक्शा भी बरामद किया गया। इनकी गहन पूछताछ के बाद पता लगा कि गैंग का मास्टरमाइंड विशाल महतो नामक शख्स है।  काफी कोशिशों के बाद पुलिस ने झारखंड से विशाल महतो को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर दिल्ली के भजनपुरा से दो औऱ बच्चों को रेस्क्यू कराया गया। पुलिस ने विशाल के सहयोगी महेन्द्र महतो और चंदू महतो को भी गिरफ्तार किया।  इनके कब्जे से 14 महंगे मोबाइल फोन बरामद किए गए। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि चोरी के फोन वेस्ट बंगाल के मालदा में सरेकुल नाम के शख्स के पास आधे से भी कम दाम में बेचे जाते थे।

यह गिरोह 7-12 साल के बच्चो को अपना शिकार बनाता था। खासकर गरीब परिवारों के बच्चे इनके निशाने पर होते थे। झारखंड औऱ छतीसगढ़ के बच्चों को नौकरी दिलाने के नाम पर दिल्ली लाया जाता था। दिल्ली लाने के बाद उन्हें मोबाइल फोन चोरी की ट्रेनिंग दी जाती थी। इन बच्चों के परिवारों को 25-30 हजार रुपये भेज दिए जाते थे। इनकी देखरेख के लिए 15 हजार रुपये वेतन पर आदमी रखे जाते थे। आटो रिक्शा वाले भी किराए पर बच्चों को इधर उधर लाने ले जाने का काम करते थे।

दिल्ली में सिपाही ने इस तरह बचाई बुजुर्ग दंपत्ति की जान

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में सिपाही की बहादुरी से 90 साल के बुजुर्गों की जान बच गई। मामला ग्रेटर कैलाश पार्ट 1 के मकान नंबर एन 170 का है।  पुलिस को इस मकान में आग लगने की सूचना मिली थी। सूचना पर सभी पुलिसकर्मियों को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। कांस्टेबल विक्रम भी मौके पर पहुंचा उसने देखा कि आग पहली मंजिल पर लगी है औऱ काफी घनी आग है। मकान का मुख्य दरवाजे पर ताला बंद था। विक्रम ने तत्काल हथौड़े का जुगाड़ कर उस ताले को तोड़ा औऱ दिमाग का इस्तेमाल करते हुए पीएनजी गैस पाइप लाइन का सप्लाइ काट दी। ताला तोड़ने से दमकलकर्मी भी मकान के अंदर पहुंच कर आग बुझाने की कोशिश में जुट गए थे।

इसी बीच विक्रम को पता लगा कि छत पर सेकेंड फ्लोर के निवासी बुजुर्ग दंपत्ति फंस गए हैं। वह जान की परवाह ना करते हुए तत्काल छत पर पहुंच गए औऱ बुजुर्ग दंपत्ति को अपने कंधे पर रख बाहर निकाल लिया।

 

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