साइबर क्राइम के कुछ खास तरीके आजकल ज्यादा प्रचलन में हैं। नोएडा पुलिस ने डाटा जारी करते हुए इन तरीकों से सावधान रहने की अपील की है। साइबर क्रिमिनल कुछ खास तरीकों से लोगों को मोटी रकम का चूना लगा रहे हैं। अगर आप सोशल मीडिया के प्रेमी हैं, ऑनलाइन काम करते हैं या किसी ऑन लाइन जॉब की तलाश में हैं तो इस लेख में बताए गए 8 तरीकों को आप भी बखूबी समझ कर सावधान रहिए।
यह है साइबर क्राइम नोएडा का आंकड़ा
विगत अक्टूबर वर्ष 2023 से अब तक थाना साइबर क्राइम पर आनलाइन ट्रेडिंग, आनलाइन टास्क, शेयर ट्रेडिग व यू-ट्यूब वीडियों लाइक आदि में पैसा निवेश कराकर धोखाधडी के 135, फेडेरक्स के 18, ओटीपी फ्रॉड के 18, आनलाइन गूगल के माध्यम से फर्जी सप्लायर बनकर धोखाधडी के 6, ओलएक्स फ्रॅाड व हैलो गैंग के 07, कम्पनी के डाटा, हैक के 04, जॉब फ्रॉड के 03 व अन्य 24 अभियोग पंजीकृत किये गये है।
साइबर अपराधियों द्वारा कुल 56,16,64,245 रुपयो की धोखाधडी की गयी हालांकि इसमें से साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा 6,47,73,967 रुपये फ्रीज कराया गया है। इस अवधि में साइबर पुलिस थाना द्वारा करीब 19 अभियुक्तों को सुसंगत धाराओ में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
अब उन 8 तरीकों के बारे में बात करते हैं।
1. इनवेस्टमेंट फ्रॉड-इस समय 80 प्रतिशत से अधिक यह अपराध हो रहा है, इस प्रकार के अपराध में अज्ञात अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न लोगों से संपर्क किया जाता है, फिर उन्हें लालच देकर उनसे इनवेस्टमेंट के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करवाये जाते हैं। इसी में दूसरा तरीका यह भी होता है कि पीडित को कोई ऐप डाउनलोड करवाकर उसमें उसका एक अकाउंट ओपन किया जाता है, जिसमें पीडित को अपना रुपया बढ़ता हुआ दिखाई भी देता है, लेकिन जब उसमें से रुपये निकालने की कोशिश की जाती है, तो रुपये निकलते नहीं है।
इस प्रकार के अपराध में लोगों को टेलिग्राम ग्रुप में एड कर टिप्स देने के नाम पर खातों में या एप पर रुपये जमा कराये जाते हैं।
2. पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड-इस प्रकार के अपराध में अज्ञात अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न लोगों से संपर्क कर पार्ट टाइम जॉब ऑफर कर लालच देकर प्रीपेड जॉब दिया जाता है। जिसमें लोगों को व्हाट्सएप या टेलिग्राम ग्रुप में जोड़ कर यह दिखाया जाता है कि कैसे अन्य लोग कितना रुपया कमा रहे हैं, और प्रीपेड जॉब में ज्यादा रुपयों के लालच में लोग, उनके द्वारा दिये गये बैंक खातों में रुपये जमा कर देते हैं।
3.डिजिटल अरेस्ट- इस प्रकार के अपराध में पीडित से डायरेक्ट कॉल या मैसेज के माध्यम से मैसेज किया जाता है और उन्हे बताया जाता है कि वह सीबीआई या साइबर सेल, कस्टम डिपार्टमेंट आदि से बात कर रहे हैं, उनके नाम से एक पार्सल विदेश में भेजा जा रहा है, जिसमें अवैध सामग्री हैं। फिर उन्हे वीडियों कॉल पर कुछ लोग पुलिस वर्दी में भी दिखाये जा सकते हैं और फिर उन्हे धमकाया जाता है कि तुम और तुम्हारा परिवार जेल जा सकते हैं नहीं तो इतने रुपये देकर बच सकते हो और इस प्रकार से उनके बताये गये बैंक खातों में लोग रुपये जमा कर देते हैं। इसे मीडिया के द्वारा डिजिटल अरेस्ट का नाम भी दिया गया है।
4. एयरपोर्ट पार्सल/गिफ्ट फ्रॉड- इस प्रकार के अपराध में साइबर अपराधी द्वारा इंस्टाग्राम या फेसबुक के माध्यम से पीडित से मित्रता कर विदेश से गिफ्ट या मूल्यवान चीज (गोल्ड आदि) भेजेने के नाम पर एयरपोर्ट पर फर्जी जीएसटी या कस्टम ड्यूटी पर कार्यरत अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार होने के बाद पीडित को विश्वास मे लेकर फर्जी बैंक खातों मे कई बार में धनराशि जमा करा दी जाती है और धनराशि प्राप्त होने के बाद फिर अचानक से सभी मोबाइल बंद कर दिए जाते है।
5. सेक्सटार्सन- यह अपराध 02 प्रकार से किया जा रहा है, जिसमें या तो पीडित के पास डायरेक्ट वीडियों कॉल आती है, या पहले उससे दोस्ती की जाती है। अपोजिट जेंडर बन कर उसके बाद वीडियों कॉल करके पीडित को इंटीमेट कर उनका वीडियों रिकार्ड कर लिया जाता है और फिर ब्लेकमेल किया जाता है। या दूसरी तरफ कोई पोर्न वीडियों चलाकर स्क्रीन रिकार्ड कर ब्लेकमेल किया जाता है।
6.मेट्रिमोनियल फ्रॉड-इस प्रकार के अपराध में मेट्रिमोनियल वेबसाइट पर फेक अकाउंट बनाकर या सोशल मीडिया पर दोस्ती करके अपोजिट जेंडर के व्यक्तियों को शादी का झांसा देकर उनसे रुपये मांग लिये जाते हैं।
7. लोन फ्रॉड- इस प्रकार के अपराध में वह लोग ज्यादा फंस रहे हैं जिन्हें लोन की जरूरत होती है, और वह ऑनलाइन लोन सर्च करते है या उन्हे सोशल मीडिया पर ऐसे लिंक मिल जाते हैं, जो तत्काल लोन आफर करते हैं।
8. सोशल इंजीनियरिंग-इसमें बहुत से ऐसे तरीके होते हैं जिसमें अपराधियों द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाकर उनसे रुपये अपने बैंक खातों में जमा करवा लिये जाते हैं, जिसमें एक तरीका यह भी है कि कॉल करने वाला पूछता है, पहचाना ? और उसके बाद कॉल रिसीव करने वाला पीडित अपने आप किसी का नाम ले लेता है, आवाज के आधार पर और फिर उसे लगता है कि वह अपने परिचित से बात कर रहा है और फिर वह कोई इमेंरजेंसी दिखाकर या अन्य किसी भी प्रकार से पीडित से रुपयों की मांग कर लेता है।
इनके अलावा भी बहुत से तरीको के अपराध हो रहे हैं, जैसे ओएलएक्स फ्रॉड, फेक कस्टमर केयर नम्बर फ्रॉड, फेक विज्ञापन फ्रॉड आदि।
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