Benefits of Surya namaskar-आध्यात्मिक रूप से सूर्य नमस्कार के हजारों फायदे गिनाए गए हैं, अगर इसे रोजाना सुबह की आदत बना लिया जाए तो सेहत के लिए कई लाभ मिलते हैं। यह एनर्जी बूस्ट करने के साथ साथ लचीलापन भी बढ़ाता है। योग विशेषज्ञों का मानना है कि सूर्य नमस्कार के कम से कम दो आसनो को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
- true crime story: सत्य कथा दिल्ली की, इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बाद मौत की सौगात
- delhi police news: नार्थ वेस्ट दिल्ली पुलिस ने बदमाशों की कसी नकेल 15 दिन में कर डाली इतनी गिरफ्तारियां
- crime story in hindi: बीस साल से फरार था सेना का बर्खास्त नायक, गुनाह जान हैरान रह जाएंगे आप
- cyber crime से वॉर के लिए कितनी तैयार है Delhi police
- cisf ने शूरवीरों को ऐसे किया याद, परिवारों को भी दिया गया सम्मान
Benefits of Surya Namaskar in Hindi-सूर्य नमस्कार के लाभ
माना जाता है कि सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा समय सूर्योदय से पहले का होता है। यह शारीरिक और मानसिक शक्ति, शरीर पर नियंत्रण, मन की शांति, उर्जा के संतुलन क बनाए रखने के लिए सबसे कारगर अभ्यास है।
वैसे तो सूर्य नमस्कार 12 आसनों का संयोजित क्रम है। यह शरीर के सभी अंगो को लक्षित करके सेहत के कई तरह के जोखिम को कम करने में मददगार होता है। यह आसन सभी उम्र के लोगों के लिए कारगर माने गए हैं। विभिन्न प्रकार के अध्ययनों में भी पाया गया है कि फिटनेस को बेहतर बनाए रखने और कई प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए सूर्य नमस्कार का निरंतर अभ्यास मददगार होता है।
प्रणामासन

benefits of surya namaskar photo istock
यह आसन सबसे आसान मगर सर्वाधिक कारगर माना जाता है। शांत बैठकर किया जाने वाला यह अभ्यास तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने, पाचन में सुधार करने, शरीर की मुद्रा को ठीक बनाए रखने और मानसिक शांति के लिए मददगार हो सकता है। विशेषकर मानसिक स्वास्थय के लिए इस आसन को कारगर माना गया है। सेंडेटरी लाइफ स्चाइल के कारण जिन लोगों को शारीरिक मुद्रा की समस्या है उन्हें यह आसन करना चाहिए।
ताड़ासन

Benefist of surya namaskar photo istock
ताड़ासन को माउंटेन पोज या पर्वतासन योग के नाम से भी जाना जाता है। खड़े होकर किया जाने वाला यह अभ्यास शारीरिक मुद्रा को ठीक रखने औऱ रक्त प्रवाह को सुचारू करने के लिए काफी लाभदायक है। पीठ कुल्हों और पैरों को मजबूत करने मे भी इस आसन का कारगर योगदान है।
भुजंगासन

भुजंगासन योग या कोबारा पोज को शारीरिक और मानसिक दोनों के लिए बेहतर माना गया है। यह रीढ़ को मजबूत करता है। यह छाती और फेफड़ो के साथ कंधो और पेट के अंगो को बेहतर स्ट्रीचिंग करने में भी मददगार है। तनाव और थकान में भी इस तरह के अभ्यास को आजमाया जा सकता है।
अस्वीकरण
हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। indiavistar.com लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श लें।