बीएसएफ के रसोइए से इस तरह बन गया 46 मामलो का भगोड़ा

यह सत्य कथा बीएसएफ के रसोइए की है। ऐसे रसोइए कि जो दो साल नौकरी करने के बाद एक शातिर अपराधी बन गया। राजस्थान में उसके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे धर दबोचा है। 12वीं पास राजस्थान के बीएसएफ के पूर्व रसोइए पर हजारों लोगों से सौ करोड़ रु से ज्यादा की ठगी करने का आरोप है। वह 46 मामलो में भगोड़ा घोषित था।

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बीएसएफ
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यह सत्य कथा बीएसएफ के रसोइए की है। ऐसे रसोइए कि जो दो साल नौकरी करने के बाद एक शातिर अपराधी बन गया। राजस्थान में उसके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे धर दबोचा है। 12वीं पास राजस्थान के बीएसएफ के पूर्व रसोइए पर हजारों लोगों से सौ करोड़ रु से ज्यादा की ठगी करने का आरोप है। वह 46 मामलो में भगोड़ा घोषित था।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी विचित्र वीर सिंह के मुताबिक पकड़े गए ठग की पहचान ओमा राम उर्फ राम मारवाड़ी के रूप में हुई है। वह जोधपुर का रहने वाला है। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह रोहिणी अपने किसी साथी से मिलने आने वाला है। सूचना के आधार पर एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में एसआई जितेन्द्र माथुर, एएसआई अनिल, हेडकांस्टेबल नवल सिंह, नीतिन, आजाद सिंह और रविन्द्र की टीम बनाई गई।

यही वह रसोइया है जो 46 मामलों में भगोड़ा घोषित था

BSF का पूर्व रसोईया जल्द अमीर बनने के लिए बन गया था सबसे बड़ा ठग, 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोपी को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पकड़ा
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान में 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी में शामिल आरोपी को गिरफ्तार किया है। 46 मामलों में आरोपी वांटेड चल रहा था। हालांकि इस पर टोटल चीटिंग के 59 मामले बताया जाते हैं। आरोपी का नाम ओमाराम उर्फ राम मारवाड़ी है, जो जोधपुर का रहने वाला है। रोहिणी इलाके में पुलिस को सूचना मिली थी,कि आरोपी आने वाला है। जिसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया,और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।आरोपी सिर्फ 12वीं पास है। 2004 से 2006 के बीच में वह बीएसएफ में रसोईया के रूप में भी काम कर चुका है। लेकिन जल्द अमीर बनने के लिए उसने बीएसएफ की नौकरी छोड़ दी थी। आरोपी ने जयपुर राजस्थान में एक सुरक्षा एजेंसी खोली थी। उसमे से 60 कर्मचारियों की भर्ती की बाद में एजेंसी को बेच दिया और मार्केटिंग कंसलटेंसी शुरू की। लगातार वह धोखाधड़ी भी करता चला गया और कंपनियां बंद करके नई कंपनियां खोलता रहा। आरोपी ने m.l.m. मार्केटिंग शुरू की जिसमें 4000 के बदले में 500 वाला सफारी सूट देकर कमीशन का दावा किया जाता था। एक सदस्य को 10 सदस्य बनाने पड़ते थे। जिसमें गारंटीड रिटर्न देने का दावा किया जाता था। इस तरह उसने 12 महीने तक हजारों सदस्य बना लिए और करीब 100 करोड़ की धोखाधड़ी करके फरार हो गया था।

आरोपी ने 2021 में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म भी शुरू किया था। लोगों को धोखा देकर उसने इसमें भी जल्द पैसा कमाने की जुगत लगाई। अब तक उस पर 59 मामले संज्ञान में आए हैं। 46 मामलों में भगोड़ा घोषित था।

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