el nino and la nina-यह तो आपको पता ही है कि देश में मानसून को लेकर चेतावनी जारी की गई है। बताया गया है कि इस बार काफी बारिश होगी जिसके चलते कई जगहों पर अत्यधिक बाढ़ की संभावना है। इस बार ठंड भी तेज पड़ने के आसार हैं। इन सबका जिम्मेदार ला नीना को बताया जा रहा है। अब ला नीना क्या है और इससे मौसम कैसे तय होता है। यह एक सवाल है इस लेख में आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
el nino and la nina क्या होता है
अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन के जलवायु पुर्वानुमान केंद्र ने अनुमान लगाया है कि ला नीना की वजह से मौसम का ये परिवर्तन हो रहा है। ला नीना वैसे तो स्पैनिश भाषा का एक शब्द है जिसका मतलब छोटी बच्ची होता है। पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह पर निम्न हवा का दबाव होने पर जो स्थिति बनती है उसे ला नीना कहा जाता है।
ला नीना के चलते समुद्री सतह का तापमान काफी कम हो जाता है जिसका असर दुनिया भर के मौसम पर पड़ता है। भारत में अल नीनो की बात करें तो यह अत्यधिक गर्मी या कमजोर मॉनसून के कारण बनता है। ला नीना में औसत से ज्यादा बारिश और ठंड की संभावना रहती है। भारतीय मौसम विभाग ने भी ला नीना के विकसित होने की संभावना जताई है।
ला नीना नौ महीने से लेकर साल भर तक अवधि तक रह सकता है। इस दौरान नार्थ वेस्ट हिस्से में सर्दियों में तापमान पहले से कम और साउथईस्ट में सर्दियों में भी तापमान ज्यादा रहता है। ला नीना बनने की सबसे प्रचलित वजह पूर्व से आने वाली हवा का तेज बहना है। वैसे इसके बनने के अलग-अलग कारण बताये जाते हैं।
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