नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। गुजरात के साबरमती आश्रम से शुरू हुई CRPF दिव्यांग योद्धा साइकिल रैली का आज गांधी जयंती के अवसर पर राजघाट पहुंचकर समापन हुआ। युवा मामलों और खेल मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरेन रीजीजू ने रैली को फ्लैग-इन किया । पिछले 16 दिनों में दिल्ली पहुंचने के लिए लगभग 1000 किमी की यात्रा इन योद्धाओं ने तय की । सीआरपीएफ अकादमी गुरुग्राम से रैली में शामिल होकर डॉ ए.पी. माहेश्वरी, महानिदेशक सीआरपीएफ ने राजपथ तक यात्रा का नेतृत्व किया। टीम के साहस और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए, श्री रिजीजू ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश भर में फिट इंडिया मूवमेंट में भी बढ़ चढ़कर भाग लिया है। उन्होंने बल की व्यावसायिक दक्षता की भी सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित शकुंतला डी गैमलिन, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर रैली टीम के सदस्यों की बहादुरी की सराहना की।
रैली टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए, महानिदेशक सीआरपीएफ ने कहा कि बल ने सीआरपीएफ के दिव्यांग योद्धाओं के कौशल और पुर्नकौशल के लिए एक व्यापक नीति तैयार की है। इस नीति का उद्देश्य पहले दिव्यांग योद्धाओं को पैरा-स्पोर्ट्स में प्रशिक्षित करना और बाद में उन्हें प्रौद्योगिकी संबंधित कौशल प्रदान करना है जो उन्हें साइबर योद्धाओं के रूप में राष्ट्र की सेवा करने में सक्षम बना सके।
रैली प्रतिभागियों में शौर्य चक्र प्राप्तकर्ता आर. के. सिंह, सेकंड-इन-कमांड सीआरपीएफ भी शामिल हैं, जिन्होंने लोहरदगा झारखंड में एक ऑपरेशन में अपना पैर खो दिया था। 3 मई 2012 को हुए इस ऑपरेशन में माओवादियों ने 200 से अधिक आईईडी श्रंखला का विस्फोट एक साथ किया था। साइकिल रैली टीम में सीआरपीएफ महिला बटालियन की 06 वीरांगनाएं भी शामिल हैं जिन्होंने रैली में दृढ़ संकल्प और साहस का परिचय दिया।