सड़क छाप मजनूओं! साउथ दिल्ली में सावधान

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साउथ दिल्ली में सरेराह फब्तियां कसने और मजनूगिरी कारने वालों के लिए औचक मुसीबत खड़ी है। औचक मुसीबत इसलिए क्योंकि अचानक ही वो मुसीबतों के जाल में फंसने के लिए तैयार रहें।  होता कुछ यूं है कि इस तरह के सड़क छाप मजनूं को पता ही नहीं चलता की कब वो पुलिस की हिरासत में आ गए। जी जनाब तो साउथ दिल्ली में सरेराह चलती महिलाओं पर फब्तियां कसने या घूरने वाले लोगों को पुलिस ने शिष्टाचार सिखाने का बीड़ा उठाया है। काम तो मुश्किल है मगर ये पुलिस है जनाब बड़े बड़े बदमाशों को सबक सिखा देती है फिर सड़कछाप मजनूओं की क्या औकात।

https://twitter.com/DCPSouthDelhi/status/938011248544825345

जी साहब  सड़क छाप मजनूओं को सबक सिखाने के इस मिशन को नाम दिया गया है आपरेशन शिष्टाचार। मकसद है हिरासत में लेकर सही मार्ग पर चलने की सबक देना। दरअसल दिल्ली ंमें खासकर साउथ दिल्ली में भीड़ भाड़ वाली जगहों पर सड़क छाप मजनूं महिलाओं पर घूरने और फब्तियां कसने की आदत से बाज नहीं आते। इनको सही मार्ग पर लाने के लिए ज्वायंट सीपी प्रवीर रंजन के मार्ग निर्देशन में साउथ दिल्ली डीसीपी रोमिल बान्याल ने ये खास मिशन शुरू किय़ा है।

विशेषकर माल, मार्केट. बस स्टैंड पर मनचलों को मौके पर ही दबोचने के इस खास आपरेशन को नायाब तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। महिला पुलिसकर्मियों को सादी वर्दी में उन जगहों पर तैनात  किया गया है जहां सड़कछाप मजनूगिरी की आशंका ज्यादा रहती है। सादी वर्दी में तैनात महिला पुलिसकर्मी वैसे मनचलों पर नजर रखती हैं जो आवारगी के मूड में हैं। जैसे ही कोई सड़क छाप आशिकी करता नजर आता है पुलिस उसे हिरासत में ले लेती है। मौके पर ही जनाब सड़क छाप आशिक के घरवालों को भी बुला लिया जाता है और शुरू होती है काउंसलिंग। अगर गुनाह कानून के मुताबिक हल्का फुल्का है तो भविष्य में ऐसा दोहराने की चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है लेकिन उन सड़क छाप आशिकों के खिलाफ आपराधिक केस भी दर्ज किया जाता है जिनके दिल जरा ज्यादा ही मचल गए हों। अब आपको हमको सबको पता ही है पुलिस आपराधिक केस दर्ज करने और आरोपियों के साथ पेश आने में कितनी स्मार्ट है।

 

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