संजय भंडारी के प्रत्यर्पण का रास्ता क्या हो गया साफ, जानिए कौन है संजय भंडारी

रॉबर्ट वाड्रा के करीबी आरोपी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटिश गृह सचिव द्वारा बड़ा फैसला लेने की बात सामने आ रही है।

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संजय भंडारी

रॉबर्ट वाड्रा के करीबी आरोपी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटिश गृह सचिव द्वारा बड़ा फैसला लेने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि लंदन की वेस्टविंस्टर अदालत के बाद ब्रिटेन के गृह सचिव ने भी ग्रीन सिग्नल दे दी है।

वेस्टविंस्टर अदालत ने नवंबर को सुनवाई के दौरान कहा था था की – प्रत्यर्पण के वो खिलाफ नहीं है , बल्कि ब्रिटिश गृह सचिव को माना अधिकृत

भारत देश से फरार संजय भंडारी के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटिश गृह मंत्री का बड़ा फैसला आ गया है । जिसके आधार पर कहा जा सकता है की संजय भंडारी को भारत देश में लाने का रास्ता साफ हो रहा है । दरअसल यूके के गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने संजय भंडारी को भारत देश भेजने का एक फैसला ( UK Home Secretary (Sulela Braverman) orders extradition of Sanjay Bhandari) किया है । आरोपी संजय भंडारी के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Directorate of Enforcement,ED) और इनकम टैक्स विभाग (income tax ) द्वारा कई मामलों में तफ्तीश की जा रही है ।उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप भी हैं। लेकिन वो पिछले काफी समय से भारत से भागकर ब्रिटेन में छुपकर रह रहा है , इस मामले में भारत सरकार की पहल पर ब्रिटेन के कोर्ट में संजय भंडारी के प्रत्यर्पण संबंधित सुनवाई शुरू हुई थी। इस संजय भंडारी पर कई आरोप हैं, लेकिन एक बड़े मामले में रॉबर्ट वाड्रा से जुडे़ केस मामले में जांच एजेंसी संजय भंडारी से पूछताछ करना चाहती है , लेकिन वो भारत छोड़कर विदेश भाग गया था।

कौन है संजय भंडारी

संजय भंडारी की जिंदगी काफी दिलचस्प रही है। विदेशी गाड़ियों के इस सौदागर का जब राजनीतिक कनेक्शन बना तो हथियारों की दलाली के धंधे में उतर गया। सबसे पहले ये विदेशों से लग्जरी गाड़ियों को भारत में लाता और उसे बड़ी-बड़ी हस्तियों को बेच देता। यहीं से उसका कनेक्शन बना और हथियारों के सौदे में दलाली करने लगा। इसके लिए उसने एक कंपनी भी बनाई थी। नाम था- ऑफसेट इंडिया सलूशंज। यह कंपनी हर आर्म्स शो में भाग लेती, स्टॉल बनाती और हथियारों के लिए लॉबिंग करती।

कैसे पकड़ा गया

संजय भंडारी पर 2016 से केंद्रीय एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू किया। दरअसल आयकर विभाग हवाला कारोबारियों के खिलाफ छापे मार रही थी, जांच कर रही थी, इसी दौरान भंडारी का नाम सामने आया था। जब उसके घर पर छापा मारा गया तो वहां कुछ गोपनीय दस्तावेज हाथ लगे। जिसके बाद उसकी सच्चाई सामने आ गई और उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। सीबीआई और ईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी। लुकआउट नोटिस जारी किया गया, लेकिन भंडारी देश छोड़कर भागने में सफल रहा। जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि भंडारी के पास कई उच्च-स्तरीय संपर्क थे, उसकी यूएई और लंदन के साथ-साथ पनामा स्थित एक कंपनी में भी संपत्तियां थीं।

रॉबर्ट वाड्रा से संबंध का आरोप

बीजेपी आरोप लगाती रही है कि उसके रॉबर्ट वाड्रा के साथ संबंध हैं। रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी से भंडारी ने कई बार बात की थी। दावा किया जाता है भंडारी ने लंदन स्थित वाड्रा के घर का डेकोरेशन का खर्चा भी उठाया था।

प्रत्यर्पण के क्या हैं मायने

संजय भंडारी का अगर ब्रिटेन से प्रत्यर्पण हो जाता है तो भारत के लिए बड़ी जीत होगी। पहला संदेश तो उन भगोड़ों के लिए होगा जो देश में अपराध करके विदेशों में बैठे हुए हैं कि आज नहीं तो कल उन्हें भारतीय कानून का सामना करना ही पड़ेगा। दूसरा संजय भंडारी के भारत आने के बाद उस अपराध की सच्चाई भी सामने आ जाएगी, जो उसने किए हैं। उसके साथ किसके संबंध थे और उसके कितने हथियारों की दलाली में पैसे खाए हैं।

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