नौसेना ने बनाई कोरोना जांच के लिए कम लागत वाली इन्फ्रारेड सेंसर गन

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नई दिल्ली, पीआईबी। नौसेना ने कोराना जांच के लिए कम लागत वाली इन्फ्रारेड सेंसर गन बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है। नौसेना के मुबंई स्थिति डॉकयार्ड ने अपने  प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में कर्मियों की स्क्रीनिंग के लिए इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन डिजाइन की है, ताकि सुरक्षा जांच गतिविधियों पर बोझ कम किया जा सके। डॉकयार्ड द्वारा खुद के उपलब्ध संसाधनों से विकसित इस गन की कीमत 1000 रूपए से भी कम है जो कि बाजार में उपलब्ध ऐसे अन्य गनों की कीमत का अंश भर है।

कोविड-19 महामारी ने हाल के दिनों में दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा आपात स्थिति पैदा कर दी हैं। संक्रमित रोगियों की संख्या में भारी वृद्धि देखते हुए देश के चिकित्सा बुनियादी ढांचे की कडी परीक्षा हो रही है। 

नौसेना के पश्चिमी कमान के 285 वर्ष पुराने डॉकयार्ड में प्रतिदिन औसतन लगभग 20,000 कर्मी आते हैं। कोरोना संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर, इन कर्मियों की डॉकयार्ड में प्रवेश करने के समय प्रारंभिक जांच जरूरी हो गई है। संभावित रोगी की बिना संपर्क के प्रारंभिक स्क्रीनिंग करने के लिए उसके शरीर के तापमान की जांच करना सबसे बेहतर तरीका है।

कोविड के प्रकोप के बाद से, गैर-संपर्क वाले थर्मामीटर या इन्फ्रारेड तापमान सेंसर गन बाजार में दुर्लभ हो गई हैं, और बहुत अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं। इनकी कमी को दूर करने और मांग के अनुरूप इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए  मुंबई के नौसेनिक डॉकयार्ड ने 0.02 डिग्री सेल्सियस तक के शारीरिक तापमान को सटीकता के साथ नापने में सक्षम गन डिजाइन और विकसित किया है। यह एक तरह का थर्मामीटर है जो किसी के शारीरिक संपर्क में आए बिना ही उसके शरीर का तापमान जांच लेता है। इसमें एक इन्फ्रारेड सेंसर और एक एलईडी डिस्प्ले लगा हुआ है जो एक माइक्रोकंट्रोलर के साथ जुड़ा हुआ है। यह 9  वोल्टेज की क्षमता वाली बैटरी पर चलता है ।

इस गन की विनिर्माण लागत 1000 रुपये से कम होने की वजह से , आवश्यकता पडने पर डॉकयार्ड में इन्हे बडी संख्या में बनाया जा सकता है। इसके लिए जरुरी संसाधनों को जुटाने का कार्य प्रगति पर है।

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