नए साल के जश्न पर मंडरा रहा है डी-3 का खतरा ?

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आलोक वर्मा 

अगर मैं आपसे कहूं कि नए साल के जश्न पर डी-3 का खतरा मंडरा रहा है तो आप क्या समझेंगे।  मेरा मतलब डी कंपनी के बारे में आपको बताना नहीं है मकसद ये बताना है कि नए साल के जश्न पर ड्रग के तस्करों ने डी 3 का ऐसा प्लान बनाया है कि सुरक्षा एजेंसियां भी चौंक गई हैं। ये प्लान है डी-3 यानि डिजिटल ड्रग डिलिवरी का। नशे के सौदागरों ने इस बार चरस गांजा से लेकर हर तरह के नशे का सामान डिजिटल डलिवरी के जरिए पहुंचाने का इंतजाम किया है। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी तैयारी कर रही हैं।

नशे के सौदागरों की तरफ से पार्टियों में कोकीन, LSD, मेफेरडोन, MDMA सप्लाई की जाती है। सबसे महंगी ड्रग्स कोकीन होती है। इसको कोक, फ्लेक, चार्ली और स्नो भी कहते हैं। एक ग्राम कोकीन 3 से 12 हजार रुपये में मिलती है। इसके बाद कीमत के मामले में दूसरे नंबर पर है LSD यानी लीसर्जिक एसिड डीथाईलामाइड। इसको एसिड भी कहा जाता है। इसकी एक बूंद की कीमत 1200 रुपये से 4000 रुपये तक होती है।

कीमत के मामले में तीसरे नंबर पर मेफेरडोन ड्रग्स है। इसको म्याऊं-म्याऊं भी कहते हैं। इसकी एक गोली 800 रुपये से 1 हजार रुपये में बेची जाती है। चौथे नंबर पर सबसे सस्ती ड्रग्स केटामाइन है। इसको एनेस्थीसिया वाली दवा माना जाता है। इसकी एक डोज 150 से 300 रुपये में बेची जाती है। इस बार इन सौदागरों की तरफ से चरस गांजा और अफीम तक मुहैया कराने का इंतजाम किया जा रहा है।

नशे के सौदागरों ने न्यू ईयर के नाम पर होने वाली आफिसियल अनाफिसियल पार्टियों में थिरकने वालों तक नशीली दवाओं की खेप पहुंचाने का बड़ी योजना तैयार की है। सुरक्षा एजेंसियों को धोखा देने के लिए देश में तो बाजीराव, द्रोपदी और शिव दर्शन नाम से ड्रग्स की सप्लाई करने की तैयारी की जाती है। पार्टियों में सप्लाई होने वाली ड्रग्स का नया नाम बाजीराव-मस्तानी तक रखा जाता है। यहां तक कि दलाई लामा के नाम पर भी ड्रग्स का कोडवर्ड बनाया जाता है।

देश से लेकर संसार भर की सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में सूचना होती है और बड़े अफसरों के अनौपचारिक बातचीत को सूचना मानें तो इस बार भी है। इनकी मानें तो एजेंसियां चौकन्नी भी हैं और तस्करों से निपटने की तैयारी भी हो रही है। मगर अब नशे के सौदागरों से निपटना इतना आसान नहीं होगा। वजह है देश में डिमोनेटाइजेशन और डिजिटल इंडिया का सियासी सपना चाहे जितना सच साबित हुआ हो या नहीं ड्रग के कारोबार में 100 प्रतिशत डिजिटलाइजेशन हो चुका है। नशे की खेप का हर काम अब व्हाट्सएप्प, फेसबुक मैसेंजर से लेकर दूसरे डिजिटल माध्यमों से किया जा रहा है। यहां तक की पार्टी के निए इनविटेशन भी डिजिटल माध्यम से भेजने की तैयारी होती है। ताकि सुरक्षा एजेंसियों को कानों कान खबर ना हो।

अफसरों के मुताबिक नशे के कारोबार में डी-3 यानि ड्रग डिजिटल डिलिवरी का पहला खुलासा पिछले महीने दिल्ली एयरपोर्ट पर  की कोकीन के साथ गिरफ्तार वेनेजुएला की महिला से पूछताछ में हुआ। देश भर में ड्ग्स की तस्करी पर लगाम कसने की जवाबदेह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पूछताछ में पता चला कि इस मामले में सब कुछ व्हाटसअप पर था यहां तक की महिला से खेप लेने आने वाले नाईजीरियाई तस्कर और महिला के पास दोनों की फोटो भी व्हाट्स अप पर ही भेजे गए थे। महिला से होटल के रिसेप्शन पर सेल्फी इस तरह लेने के लिए कहा गया था ताकि होटल का नाम आ जाए। यही फोटो खेप लेने वाले के पास भेजी गई थी।

ड्ग्र डिजिटल डिलीवरी यानि ड्ग तस्करों का 3डी प्लान है। इसकी तैयारी ब्राजील से लेकर दिल्ली तक और दुबई से लेकर मुंबई तक है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से लेकर देश की स्थानीय पुलिस और अन्य सभी सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं क्योंकि इस बार मामला अफ्रीकी और नाईजीरियाई देशों से निकलकर उतरी अमरीकी देशों तक पहुंच चुका है। 30 नवंबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने धागे की रील में छिपाकर लाई गई 1900 ग्राम कोकीन पकड़ी और पहली बार अमरीकी महिला को गिरफ्तार किया। 10 करोड़ की कोकीन के साथ गिरफ्तार अमरीकी महिला ने खुलासा किया कि नए साल की पार्टी के लिए ड्रग की खेप भारत ही नहीं दुनिया भर में पहुंचाई जाती है। भारत के विभिन्न हिस्सों में ड्रग की खेप पहुंचाने के लिए दिल्ली और मुंबई का सहारा लिया जाता है।

गौर फरमाईए कि इस साल देश भर में विभन्न एजेंसियों ने करीब 55 किलो कोकीन बरामद की है। जब्त होने वाले दूसरे ड्रग में मार्फिन 11 किलो, मेथाक्यालोन 71 किलो, एफेड्रिन 1786, एसेटिक एनहाइड्राइट 25 किलो जब्त की जा चुकी है। इस सिलसिले में 170 विदेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए हैं। अकेले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के दिल्ली जोनल जिसमें करीब 5 राज्य आते है ने अब तक 27 किलो कोकीन बरामद किया है। हाल ही में एनसीबी ने चरस की भी बड़ी खेप बरामद की है।

हाल ही में नेपाल के रास्ते तस्करी कर लाया गया चरस की खेप

इस सिलसिले में 20 विदेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए और 30 नवंबर को पहली बार अमरीकी महिला को गिरफ्तार किया गया। ये भी पता चला कि ड्रग तस्करी की खेप भारत पहुंचाने का नया रूट ब्राजील के साओ पालो से अदिस अबाबा या दुबई होते हुए भारत के विभिन्न शहरों में ड्रग्स की खेप भेजी जा रही है। ब्राजील के साओ पालो में ड्रग के तस्कर ऐसी महिलाओं को कैरियर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं जिन पर आसानी से शक सुबहा ना हो। उन्हें धागे की रील से लेकर बैग की ट्राली वगैरा में खेप छिपाकर दी जाती है उन्हें देश के दो बड़े शहर मुंबई या दिल्ली में भेजा जाता है। मुंबई में सुरक्षा एजेंसियों को जैसे ही कुछ पता लगता है तस्कर अपनी खेप दिल्ली या किसी दूसरे शहर में भेज देते हैं। लोकल एजेंट को सारी सूचना व्हाटस अप पर दी जाती है। कैरियर को भी खेप लेने वाले की फोटो व्हाट्स एप्प या किसी दूसरे डिजीटल साधन से दी जाती है।

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