कैदियों पर खर्च के आंकड़ों से हैरान सुप्रीम कोर्ट कैग से कराएगा जांच

0
675

2015-2016 के आंकडों की माने तो बिहार की जेलों में बंद कैदियों को सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता है। एक कैदी पर साल में बिहार सरकार औसतन 83691 रुपये खर्च करती है जबकि राजस्थान सरकार सिर्फ तीन हजार रुपये सालाना एक कैदी पर खर्च करती है। पंजाब में ये आकडा 16669 रुपये है तो नागालैंड मे 65468 रुपये सालाना प्रति कैदी। ये आंकडे किसी को भी चौकाने के लिए काफी हैं तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इन पर अचरज जताया है। देश के अलग अलग राज्यों में इस तरह अलग अलग खर्च पर अचंभित सुप्रीम कोर्ट तमाम जेलों का CAG से आडिट कराने की तैयारी कर रहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय से 31 मार्च तक योजना मांगी है कि किस तरीके से जेलों के खर्च का आडिट कर पता लगाया जा सकता है कि ये पैसा सूझबूझ से खर्च किया जा रहा है या नहीं और कैदियों को इसका लाभ मिल भी रहा है या नहीं।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट मे जेलों में स्टाफ पर कमी पर भी चिंता जताते हुए केंद्र सरकार और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को 31 मार्च तक जेलतर्मियों की भर्ती के कदम उठाने को कहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट मेँ एमिक्स क्यूरी ने 2014 को लोकसभा में रखे गए जवाब का हवाला दिया जिसमें बताया गया था कि 31 दिसंबर 2014 तक देश में 79988 जेलकर्मियों के पद स्वीकृत थे जबकि कुल 52666 जेलकर्मी काम कर रहे हैं। यानी जेलों में 27 हजार कर्मियों के पद खाली हैं।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जल कर्मियों का ट्रेनिंग कर भी बडे सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 50 हजार से ज्यादा जेल कर्मियों में से सिर्फ 7800 को ही किसी तरह की ट्रेनिंग दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो 31 मार्च तक राज्य सरकारों से बात कर जेलकर्मियों के लिए ट्रेनिंग का कोई मेन्युअल तैयार करे।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस मामले मे केंद्र का सहयोग करना होगा। अगर एेसा नहीं हुआ तो भारी जुर्माना लगाया जाएगा। अब सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को करेगा।
दरअसल 2013 में पूर्व CJI RC लाहोटी ने तमिलनाडू की जेल में बंद कैदियों के हालात पर तत्कालीन CJI को एक चिट्ठी लिखी थी। सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान लेकर सुनवाई कर चुका है। इससे पहले भी कोर्ट कई दिशा निर्देश जारी कर चुका है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now