जानिए लेडिज गैंग्स आफ हस्तिनापुर को

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आलोक वर्मा

जुर्म की दुनिया में मर्दों का बोलबाला रहा है. लेकिन महिलाएं भी उनसे पीछे नहीं हैं. कम से कम दिल्ली पुलिस के आंकड़े तो यही गवाही दे रहे हैं। केवल दिल्ली में पिछले साल लूट, डकैती, सेंधमारी, हत्या और हत्या की चेष्टा जैसे मामलों में 481 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। हस्तिनापुर या कहें कि दिल्ली की कालोनियों में आजकल कई ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जिनकी सरगना भोली-भाली सूरत वाली महिलाएं हैं. लेकिन उनके कारनामे पुलिस की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं।

पहले गैंग को पुलिस फाइलों में मेड गैंग का नाम दिया गया है। पुलिस के मुताबिक बिहार के किसी इलाके से ये 6-6 के ग्रुप में निकलती हैं।  इनका एरिया ऑफ ऑपरेशन दिल्ली-एनसीआर से लेकर जयपुर और अहमदाबाद तक है। बड़े ही शातिराना तरीके से अपने काम को अंजाम देते हुए ये गिरोह किसी एक पॉश कालोनी को चुनता है। कालोनी में पहुंच कर ये दो-दो में बंट जाती हैं. फिर शुरू होता है घरों में काम तलाश करने का सिलसिला।

इस सीसीटीवी में इसी गैंग की दो महिलाएं सफदरजंग एंकलेव में हैं।

ये घरों में ऐसे समय में पहुंचती हैं जब पुरूष जा चुके होते हैं। काम कुछ इस तरह मांगा जाता है । काम करने के बहाने ये घरों में जाती हैं फिर थोड़ी देर बाद ही दूसरी महिला को किसी घर में पहुंचाने के बहाने सामान लेकर चंपत हो जाती हैं।

पुलिस के मुताबिक इस गैंग ने पिछले साल गुड़गांव के सुशांत लोक जैसे इलाके में सिर्फ महीने दो महीने में 40 घरों से 5 करोड़ के कीमती सामान पर हाथ साफ कर लिया था। इस गॆंग की कुछ महिलाएं जेल में हैं मगर गैंग की बाकि महिलाएं किसी ना किसी शहर में अभी भी वारदातों में लिप्त हैं।

दिल्ली औऱ आसपास जिस दूसरी लेडी गैंग का खौफ है उसे पुलिस गुलखेड़ी की चोरनियां कहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये महिलाएं मध्य प्रदेश  गुलखेड़ी गांव में ट्रेनिंग लेती हैं और देश भर में निकलती हैं https://youtu.be/dU0uCxpSUvY

इसी तरह तैयार होकर पहुंचती हैं शादी समारोहों में

इनके निशाने पर होती हैं पाश कालोनी की शादियां जहां ये अपने बच्चों के साथ कूब सज धज कर पहुंच जाती हैं औऱ बच्चों के माध्यम से कीमती सामान उड़ा ले जाती हैं।  बच्चों के साथ ग्रूप के अलावा इनकी लड़्कियां अकेले अकेले भी वारदात करती हैं। दक्षिणी दिल्ली में आजकल मोटरसाइकिल पर घूम रही झपटमार लड़की का खौफ व्याप्त है।  जघन्य अपराधों में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी से सुरक्षा एजेंसियों के आला अफसरों की नींदे उड़ी हुई हैं क्योंकि महिला अपराधियों से निपटना और उनका थाह लगाना टेढ़ी खीर है।

दिल्ली पुलिस की आंकड़ों की मानें तो पिछले कुल 1124 महिलाओं को गिरफ्सातार किया गया था जिसमें डकैती में 5, हत्या में 36, लूटपाट में 19, सेंधमारी में 201, चोरी में 208, हत्या की कोशिश में 12 और दंगों में 10 महिलाओं की गिरफ्तारी शामिल है।

जुर्म की दुनिया में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी से सुरक्षा एजेंसियों के आला अफसरों की नींद हराम है. महिलाओं अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस को ज्यादा महिला पुलिस अधिकारियों की जरूरत पड़ती है जिनकी दिल्ली पुलिस फोर्स में बेहद कमी है.

 

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