काबिले तारीफ है दिल्ली पुलिस के इस जवान की यह प्रतिभा

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आलोक वर्मा

बॉलीवुड की फिल्मों और प्रेरक कहानियों में कई बार आपने चमत्कारिक शख्सियत के किस्से पढ़े, देखे या सुने होंगे। कई बार हमारे आसपास के ही किसी शख्स की दास्तां भी बॉलीवुड के हीरो या किसी प्रेरक कहानी के नायक से मिलती जुलती है।

यह कहानी भी ऐसे ही एक शख्स की है। नाम है अजीत कुमार। काम दिल्ली पुलिस में हवलदार का। लेकिन अजीत कुमार का परिचय सिर्फ दिल्ली पुलिस में हवलदार होने के नाते नहीं दे रहा बल्कि कहानी थोड़ी लंबी है जो शुरू 1995 में उनके दिल्ली पुलिस में बतौर सिपाही होने से पहले से लेकर लगातार जारी है।

यह कहानी है अजीत के विलक्षण प्रतिभा की जिसने उन्हें गायन की दुनिया में चमकता सितारा बना दिया है। दिल्ली पुलिस के लिए प्रेरक गाने बनाने का दिली ख्वाहिश लिए अजीत का बचपन से ही संगीत में गहरी दिलचस्पी थी। कभी रेडियो में बज रहे गाने पर थिरकते औऱ आसपास बज रही तालियों की गड़गड़ाहट से खुश हो लिया करते थे मगर अब उनके गाये गाने के यू ट्यूब को 434,629 लोग देख चुके हैं।

उनकी प्रतिभा बिहार के खगड़िय़ा मानसी के स्कूल औऱ छठ पूजा में आयोजित प्रदर्शन से निकल कर बहुत आगे जा चुकी है। यूं तो उनकी इस प्रतिभा ने खगडिया औऱ उसके आसपास भी बहुत पहले अपनी अलग पहचान बना ली थी। वो तभी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य के अच्छे प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित नेशनल इंटिग्रेशन कैम्प में जिला और राज्य की तरफ से चयन हो नागपुर में सम्मानित हो चुके हैं।

अब सवाल ये है कि जब दिल्ली पुलिस में आने से पहले ही ये सारी प्रतिभाएं थीं तो पहले ही गायन में क्यों नहीं कूदे जवाब बड़ा सीधा है आज से 20-22 साल पहले या आज भी बिहार या किसी राज्य के गांव में खाकी और हरी वर्दी से प्रेम की परिवारिक इच्छा किसी से नहीं छिपी। बस अजीत के साथ भी यही हुआ।

एक शाम खुद से ही गठित यूथ क्लब आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद बढ़े भैया का हुक्म हुआ पटना में हो रहे दिल्ली पुलिस के सेलेक्शन में हिस्सा लेने का। परिवार वालों के सामने एक नहीं चली, सेलेक्ट भी हो गये, दिलवालों का शहर कहे जाने वाले दिल्ली में जनाब का दिल भी लग गया और जनाब ने अपना दिल भी दे दिया घरवालों को बताये बगैर।

दिल्ली पुलिस के विभिन्न जिलों के आपरेशन सेल में रहकर कई कुख्यात अपराधियों को सलाखों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले अजीत को पुलिस सिस्टम से मिलने वाले असाधारण कार्य पुरस्कार सहित कई इनाम मिल चुके हैं। मगर दिली ख्वाहिश देशभक्ति के गाना गाने के साथ ही दिल्ली पुलिस के लिए प्रेरक गाने बनाना चाहते हैं।  

” सारी पुलिस से न्यारी दिल्ली पुलिस हमारी ” गीत बनाने और गाने के कारण तत्कालिन पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा से सम्मानीत हुए और मीडिया और दिल्ली पुलिस में चर्चा में रहे अजीत के आईडियल किशोर कुमार हैं। उस्ताद अहमद हुसैन व मोहम्मद हुसैन साहब की गजल गायकी ने भी उन्हें प्रभावित किया है।

अजीत कुमार संगीत की दुनिया में अजीत सिंह के नाम से जाने जाते हैं। यूट्यूब पर गजल थोड़ी थोड़ी व्हीस्की ( युनिसेस सागा म्युजिक ), मेरे रश्के कमर व खोल दे पुरा बेस ( रागा जोन म्युजिक ) ,और अब महाकाल के पुजारी ( सोनोटेक कम्पनी से जैसे कई लिंक काफी पसंद किए गए। महाकाल के पुजारी को तो पसंद करने वालों लोगों की संख्या 22 लाख क्रास कर चुकी है।

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