बीजापुर, इंडिया विस्तार। लाल आतंक यानि नक्सल से ग्रस्त बीजापुर जिले के पदेड़ा गांव में एक स्कूल पांच साल से बंद था। मगर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मदद से स्कूल फिर से बच्चों के लिए खोल दिया गया है। यह स्कूल 2014 से बंद था। इसे खोलने में सीआरपीएफ की 85 वीं बटालियन ने मदद की और लोगों से अपील किया कि बच्चों को पढ़ने दिया जाए।
लाल आतंक के खौफ से पदेड़ा गांव के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा ठप्प पड़ी हुई थी। इस बाबत ग्रामीणों ने सीआरपीएफ के कैंप कमांडर अविनाश राय को उनके इलाकाई दौरे के दौरान बताया था। दरअसल इसके लिए प्रशासन से भी मदद मांगी गई थी। मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अविनाश राय ने ग्रामीणों की इस गुहार की चर्चा 85 बटालियन के कमांडेंट यादवेन्द्र सिंह यादव को बताया। तभी से सीआरपीएफ इस स्कूल को खुलवाने की जुगत करने लगी। गौरतलब है कि सीआरपीएफ चेरपाल खुद शिक्षा को प्रोत्साहन देने का अभियान चलाता है। बंद स्कूल को खुलवाने के लिए बल की 85 बटालियन ने जिला प्रशासन और ग्रामीणों के साथ अथक कोशिश की और आखिरकार स्कूल खुल गया।
पांच साल बाद 18 अक्टूबर को खुले इस स्कूल के उद्घाटन के अवसर पर कमांडेंट ने बच्चों को सतत शिक्षा ग्रहण करने का सुझाव दिया तथा गांव वालो को समझाया कि गरीबी से लड़ने का माध्यम शिक्षा है तथा सीआरपीएफ हमेशा उनके विकास में सहयोग देती रहेगी। इस अवसर पर बच्चों को बैग, पेन , स्लेट, कॉपी,पेंसिल बॉक्स तथा यूनिफॉर्म भी प्रदान किया गया ।
कमांडेंट ने आए हुए ग्रामीणों को भी समझाया कि अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजे तथा प्रोत्साहन स्वरूप उन्हें भी मच्छरदानी एवम् कम्बल का वितरित किया गया । इस दौरान वहां सहायक कमांडेंट अविनाश राय,बी ई ओ मो. ज़ाकिर खान , बी आर सी कामेश्वर दुब्बा एवम् शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
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