नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। इनके नाम है कांस्टेबल ओम प्रकाश, प्रवीण औऱ राय सिंह। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के अमर कालोनी थाने में तैनात हैं। कुछ दिन पहले ये कोरोना के मरीज बने थे। मगर कोरोना को हराकर किसी योद्धा की तरह अपनी डयूटी करने लगे। कोरोना मरीज रह चुकने के कारण उन्हें इस मर्ज के दर्द का बखूबी अहसास था। इसीलिए वो एक ऐसा काम कर गए जो इंसानियत की मिसाल है।
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2 जून को कांस्टेबल ओमप्रकाश को सोशल मीडिया के माध्यम से मैक्स अस्पताल में भर्ती 51 साल के कोरोना मरीज सुरेन्द्र यादव के बारे में पता लगा। सोशल मीडिया में बताया गया था कि सुरेन्द्र डायबिटीक भी हैं। ओमप्रकाश को यह भी पता लगा कि उनकी हालत गंभीर है। बताया गया था कि मरीज की रिकवरी के लिए रक्त प्लाज्मा की जरूरत है। और यह वही मरीज दे सकता है जो कोरोना का मरीज रह चुका हो। ओमप्रकाश ने तत्काल मैक्स अस्पताल से संपर्क किया और खुद का प्लाज्मा दिया। गौरतलब है कि ओम प्रकाश उस मरीज को जानते तक नहीं हैं।
3 जून को कांस्टेबल प्रवीण औऱ राय सिंह को भी इसी तरह की सूचना अपोलो अस्पताल से मिली। दोनो तत्काल अपोलो अस्पताल पहुंचे और दोनों ने अजनबी मरीजो को प्लाज्मा दिया।
कहते हैं रक्त दान महादान। इस कोरोना काल में प्लाज्मा दान रक्त दान से भी ज्यादा अहमियत रखता है।