हिसार, इंडिया विस्तार। हत्या के दो मामलों में दोषी करार दिए गए रामपाल को हिसार की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मंगलवार दोपहर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने रामपाल को ‘मरते दम तक जेल’ की सजा सुनाई है। रामपाल को 4 महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के आरोप में दोषी पाया गया था, बीते 11 अक्टूबर को ही उसे दोषी करार दिया गया था।
हिसार की एक विशेष अदालत ने रामपाल समेत कुल उसके 26 अनुयायियों को दोषी करार दिया था। सजा के ऐलान को देखते हुए जेल के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
इन मर्डर केस में 3 साल 10 महीने में 136 बार सुनवाई हुई और सतलोक आश्रम का रामपाल दोषी करार दिया गया। केसका नंबर 429 और 430 था। केस नंबर 429 के तहत मामला दर्ज होने से लेकर फैसले तक अदालत में कुल 64 बार सुनवाई हुई। केस नंबर 430 में फैसले तक कुल 72 सुनवाई अदालत में हुई।
जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी। जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गए थे।
इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी। 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे। रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किये गए थे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम हरियाणा के हिसार शहर को किले में तब्दील कर दिया गया था। किसी भी संभावित बवाल, हिंसा और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए थे। हिसार जिले में धारा-144 लागू कर दी गई थी।
फैसले से पहले ही अदालत के चारों ओर तीन किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया था। इस सुरक्षा घेरे को भेदकर कोई भी बाहरी व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा।
सुरक्षा इंतजाम के लिए हिसार के 1300 पुलिसकर्मी, बाहरी जिलों से 700 जवान, RAF की 5 कंपनियां और हरियाणा पुलिस के 12 SP की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा दूसरे जिलों के डीएसपी की ड्यूटी हिसार में लगाई है. इस बीच पुलिस ने जिले में फ्लैग मार्च किया है।