पुलिस डायरी से/यह है क्राइम के स्टार्ट अप की सत्यकथा

0
617

पुलिस की डायरी में क्राइम के स्टार्ट अप की कहानी शुरू हुई 26 अक्टूबर 2019 को दिन में दो बजे एक हत्य़ा की सूचना के साथ। हरियाणा के बहादुरगढ़ थाना इलाके में सनी डाबला नाम के एक युवक को गोली मारकर हत्या कर दी गई।

छावला में मारा गया जीतू

इसके ठीक ढाई घंटे बाद यानि शाम करीब 4.30 बजे दिल्ली के द्वारका जिले के छावला इलाके में जितेन्द्र उर्फ जीतू नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दिल्ली पुलिस ने छावला थाने में मुकदमा दर्ज किया।   

अतीत के पन्ने में कातिल की तलाश

छावला में हुई जितेन्द्र उर्फ जीतू मर्डर की जांच के लिए द्वारका डीसीपी एंटो अल्फोंस ने एसीपी राजेन्द्र सिंह की देखरेख में स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर नवीन कुमार के नेतृत्व में एसआई राजीव त्यागी, एएसआई उमेश, एएसआई बिजेन्द्र, कांस्टेबल कुलभूषण, संदीप, रवि, मनोज, राजकुमार और उपेन्द्र की टीम बनाई। पुलिस टीम ने मामले की जांच के लिए दर्जनों सीसीटीवी खंगाले, सैकड़ो संदिग्धों से पूछताछ की मगर कोई सुराग हाथ नहीं लगा।

डीसीपी द्वारका एंटो अल्फोंस

इसके बाद पुलिस ने छावला में मारे गए जितेन्द्र उर्फ जीतू की पिछली जिंदगी खंगालनी शुरू की। पुलिस जांच में पता लगा कि जितेन्द्र उर्फ जीतू काफी लंबे समय से अपनी पत्नी से अलग रह रहा था।

एसीपी राजेन्द्र सिंह

पुलिस ने और गहन जांच शुरू की और कई मुखबिर भी लगा दिए गए। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई औऱ पता लगा कि छावला जितेन्द्र मर्डर में तीन लोगों का हाथ है। विशेष जाल बिछाकर आखिरकार पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लोग थे मयंक यादव, सचिन गुलिया और कपिल।

इंसपेक्टर नवीन

स्टार्ट अप की त्रिमूर्ती

आरोपी नंबर 1 था मयंक यादव। दिल्ली के पपरावचट गांव का निवासी मयंक यादव 12 वीं तक की ढाई करे के बाद डी फर्मा का कोर्स कर रहा था। उसके पिता सतपाल यादव उड्यन विभाग में वरिष्ठ पद पर हैं और बहन सीनियर नर्स। गलत संगत में पढ़कर मयंक पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पा रहा था।    

आरोपी नंबर 2 का नाम है सचिन गुलिया। मयंक का स्कूली दोस्त सचिन भी नजफगढ़ का ही रहने वाला है। बीसीए तक की शिक्षा प्राप्त सचिन कोई अच्छी नौकरी नहीं मी इसलिए आजकल ग्रेटर नौएडा में स्थित एक मोटरसाइकिल फैक्टरी के कॉल सेंटर में 15 हजार प्रतिमाह के वेतन पर काम करता था। सचिन के पिता सरकारी एयरलाइंस में सीनियर आपरेटर के पद पर कार्यरत हैं।

आरोपी नंबर 3 उन्नीस वर्षीय कपिल के बढ़े भाई उबेर में टैक्सी चालक हैं।

टारगेट-

मयंक, सचिन और कपिल आपस में दोस्त थे। तीनो की जिंदगी में तीन ऐसे लोग थे जिनकी वजह से वह काफी परेशान औऱ सामाजिक रूप से अपमानित महसूस कर रहे थे।

मयंक के ममेरी बहन की शादी छावला इलाके में रहने वाले जितेन्द्र उर्फ जीतू से हुई थी। यह शादी मयंक की मां ने ही कराई थी। लेकिन कुछ दिन बाद जितेन्द्र और उसकी ममेरी बहन में बनी नहीं और 11-12 लाख रूपये में समझौता करने के बाद जितेन्द्र उर्फ जीतू और मयंक की ममेरी बहन अलग हो गए। इसकी वजह से जीतू और मयंक के परिवार में अनबन रहने लगी। जितेन्द्र उर्फ जीतू इस बात को लेकर मयंक को अक्सर ताने मारता था औऱ चुभने वाले अंदाज में कहा करता था कि उसका जब जी चाहा पैसे देकर छोड़ दिया। ममेरी बहन के बारे मे इस ताने सुनसुन कर मयक काफी गुस्से में रहता था। उसका एक ही मकसद था कि जीतू से किसी तरह बदला लिया जाए।

सचिन के टारगेट पर नजफगढ़ का ही रहने वाला रोबिन नामक युवक था। दरअसल सचिन को स्कूली समय से ही जनकपुरी के कालेज में पढ़ने वाली लड़की से दोस्ती थी। मगर लड़की ने हाल ही में रोबिन से दोस्ती कर ली थी और सचिन को छोड़ दिया था। रोबिन इस बात को लेकर सचिन को ताने मारता था कि उससे एक लड़की नहीं संभाली गई। सचिन इस बात का बदला रोबिन से लेना चाहता था।

तीसरे आरोपी यानि कपिल और उसके परिवार वाले बहादुरगढ़ में रहा करते थे। वहां के स्थानीय बदमाश सन्नी डाबला से एक दिन कपिल के बढ़े भाई की कहा सुनी हो गई। इसके बाद सन्नी ने उन्हें इतना तंग किया कि कपिल के परिवार को बहादुरगढ़ छोड़कर दिल्ली के नजफगढ़ में घर लेना पड़ा। इस बत को लेकर कपिल भी सन्नी से बदला लेना चाहता था।  

तीनों दोस्त यानि मयंक, सचिन और कपिल अपने अपने अपमान का बदला लेना चाहते थे। तीनों की एक ही मकसद था जिन्होंने उनका अपमान किया उसे सबक सिखाना। मतलब मयंक का टारगेट जितेन्द्र उर्फ जीतू, सचिन का रोबिन औऱ कपिन का सन्नी था।

क्राइम का स्टार्टअप

 टारगेट को किस तरह सबक सिखाया जाए इस बात का फैसला लेने के लिए तीनों ने दशहरे के एक दिन पहले वाले दिन मीटिंग की। इस मीटिंग में तीनों टारगेट को रास्ते से हमेशा के लिए हटा देने का फैसला लिया गया। इसके लिए तीनों ने हाथ मिला लिया। लेकिन समस्या थी कि इस काम में पैसा लगना था। अपमान का बदला लेने के लिए कत्ल की तीन वारदातों को अंजाम देना आसान नहीं था। क्राइम करे इस स्टार्टअप के लिए तीनों ने अपनी अपनी क्षमता के हिसाब से योगदान करने का फैसला लिया। कपिल आर्थिक रूप से कमजोर था इसलिए उसने हत्या करने की भूमिका निभाने की बात कही। मयंक को घर से पैसे नहीं मिलने थे इसलिए उसने अपना मोबाइल बेचकर 10 हजार रूपये दिए। जबकि सचिन ने अपने रिंग औऱ चेन बेचकर 25 हजार रूपये का इंतजाम किया। इनके एक दोस्त नवीन ने मोटरसाइकिल की व्यवस्था की।

सिलसिलेवार मर्डर की शुरूआत करने से पहले तीनों ने अपने अपने इलाके के थाने में खुद के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई इसके बाद 26 अक्टूबर को मयंक, सचिन औऱ कपिल दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर बहादुरगढ़ पहुंचे। इनके साथ कपिल का दोस्त नवीन भी था। नवीन ने कपिल को बदला लेने में मदद का वादा किया था। दोपहर करीब दो बजे तीनों ने कपिल के टारगेट सन्नी डाबला की तलाश शुरू की। जैसे ही सन्नी दिखा कपिल और नवीन उसके नजदीक पहुंचे और कपिल ने सन्नी पर नजदीक से गोली चला दी। सन्नी की मौके पर ही मौत हो गई। इस कत्ल के बाद नवीन अपनी मोटरसाइकिल लेकर चला गया जबकि कपिल, सचिन औऱ मयंक एक मोटरसाइकल पर सवार होकर दिल्ली के छावला में पपरावट गांव पहुंचे। पपरावट मे तलाश थी जितेन्द्र उर्फ जीतू की। जैसे ही जीतू दिखा उसे तीनों ने रास्ता पूछने बहाने नजदीक बुलाया औऱ नजदीक आते ही कपिल ने उस पर गोली चला दी। जीतू भी मारा गया। उसी दिन तीनों सचिन का बदला चुकाने की फिराक में थे। मगर काफी तलाश के बाद भी रोबिन नहीं मिला। इसी बीच पुलिस ने मयंक सचिन औऱ कपिल को गिरफ्तार कर लिया।  इस सिलसिले में कपिल की मदद करने वाले नवीन की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now