मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राष्ट्रीय स्वयं संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ मंच साझा करने की ख़बर ने बिहार में सियासी पारा बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि श्री भागवत कल आरा के चंदवॉ में चल रहे विश्वस्तरीय ‘चातुर्मास’ महायज्ञ (धर्म संसद), में भाग लेंगे और 1008 लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज, जो की मुख्य आयोजक हैं, से मुलाक़ात करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच साझा करेंगे। देश और विदेश से लाखों की संख्या में धर्म गुरु और श्रद्धालु इस महायज्ञ में अभी तक शामिल हो चुके हैं। गत दिनों योग गुरु बाबा रामदेव भी इस महायज्ञ में शामिल हुए।
यह महायग वैष्णव आचार्यों में प्रमुख रामानुजाचार्य की 1000 जन्मशती के उपलक्ष्य पर किया जा रहा है। रामानुजाचार्य विशिष्टाद्वेत वेदान्त के प्रवर्तक थे। वह ऐसे वैष्णव सन्त थे जिनका भक्ति परम्परा पर बहुत गहरा प्रभाव रहा। वैष्णव आचार्यों में प्रमुख रामानुजाचार्य की शिष्य परम्परा में ही रामानंद हुए जिनके शिष्य कबीर और सूरदास थे। रामानुज ने वेदान्त दर्शन पर आधारित अपना नया दर्शन विशिष्ट अद्वैत वेदान्त लिखा था। रामानुजाचार्य ने वेदान्त के अलावा सातवीं-दसवीं शताब्दी के रहस्यवादी एवं भक्तिमार्गी आलावार संतो के भक्ति-दर्शन तथा दक्षिण के पंचरात्र परम्परा को अपने विचारों का आधार बनाया।