दो मुहां सांप, खास तरह की ये छिपकली और सफेद हिरण हैं तस्करों की खास पसंद

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          आलोक वर्मा 
कुलाचे भरते हिरण के शिकार पर सलमान खान से लेकर कई बड़े लोगों पर चले मुकदमों का बवाल चाहे जितना मचा हो मगर हिरणों के शिकार और इनके मांस औऱ चमड़े की तस्करी कर रहे माफियाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। देश के नेपाल औऱ भूटान सीमा से अभी भी सबसे ज्यादा सफेद हिरण, हिरणों का मीट और चमड़े की तस्करी हो रही है।
तस्करी की दुनिया में हिरण सबसे अधिक टारगेट पर हैं। इसके बाद हाथी दांत औऱ उससे बनी वस्तुओं का नंबर है। इसके बाद जिन औऱ 7 वन्य चीजों पर तस्करों की नजर है उनमें टोके गीको (सेक्स पावर बढ़ाने के काम आने वाली विशेष तरह की छिपकली) की डिमांड सबसे अधिक है। करोड़ो में बिकने वाली इस छिपकली की सर्वाधिक प्रयोग सेक्स पावर बढ़ाने की दवा बनाने में किया जाता है। इसी काम आने वाला दोमुहां सांप की तस्करी भी चरम पर है।  इसके अलावा

गैंडे के सिंग, बाघ, तेंदुआ, कछुआ औऱ किंग कोबरा सांप भी तस्करों की सूची में खास स्थान रखते हैं।
सीमावर्ती पांच राज्यों में दिनोदिन गंभीर होती जा रही वन्य जीवोॆं की तस्करी में आधी हिस्सेदारी पश्चिम बंगाल काी है। पिछले 3 साल में पश्चिम बंगाल वन संपदा की तस्करी का गढ़ बन गया है।   बेजुबान जानवरों की तस्करी पर आंख खोल देने वाली उपरोक्त कड़वी सच्चाई से पर्दा पिछले दिनों नई दिल्ली में सशस्त्र सीमा बल यानि एसएसबी द्वारा वन्यजीवों की तस्करी पर आयोजित सेमिनार में उठा।
 नेपाल और भूटान के सीमावर्ती पांच राज्यों में सीमा पर  चौकसी की जिम्मेदारी निभा रहे एसएसबी के जवानों पर वन क्षेत्रों से होने  वाले अपराधों पर भी नकेल कसने की जिम्मेवारी है। वन्य जीवों और वन संपदा की  तस्करी जैसे अपराधों से जुड़े एसएसबी के आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड,  उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में बल के जवानों ने बीते 3 सालों में 247 मामले दर्ज किये हैं।  इनमें से अकेले पश्चिम बंगाल से 125  मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश से 54, बिहार से 36, असम से  29 और उत्तराखंड में तीन मामले दर्ज हुए हैं।
भारत में वन्य जीवों की तस्करी की समस्या  नेपाल और भूटान के सीमावर्ती पांच राज्यों में गंभीर हो गयी है। दोनों देशों से लगी लगभग 2500 किमी लंबी सीमा के  आसपास घने जंगलों से वन्य जीवों की होनेवाली तस्करी की समस्या कितनी गंभीर है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि 2014-2017 के दौरान एसएसबी के जब्त किए वन्य जीव तस्करी के सामान का मूल्य करीब 255 करोड़ है जिसमें से केवल पश्चिम बंगाल से करीब 193 करोड़ का सामान पकड़ा गया। इन आंकड़ों में साल दर साल हो रही बढ़ोतरी ने पर्यावरण एवं वन  मंत्रालय की चिंता बढ़ा दी है।  सेमिनार में पर्यावरण एवं वन मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने एसएसबी के सहयोग से इस समस्या के समाधान की कार्ययोजना पर चर्चा की। एसएसबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2014  में वन संपदा की तस्करी के दर्ज किये गये 39 मामलों का आंकड़ा बढ़ कर इस  साल 17 अगस्त तक 82 हो गया है.
एसएसबी 175.1 किमी लंबी भारत  नेपाल सीमा और 699 किमी लंबी भारत भूटान सीमा पर सुरक्षा में तैनात है।  इसके सीमावर्ती पांच राज्यों के सघन वन क्षेत्रों में स्तनपायी जीवों की  150 प्रजातियां, पक्षियों की 650, मछलियों की 200, सरीसृप जीवों की 69 और  उभयचर जीवों की 19 प्रजातियां पायी जाती हैं।

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