जम्मू कश्मीर, लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के सभी भत्तों का लाभ 31 अक्टू्बर से

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नई दिल्ली, इंडिया विस्तार। जम्मू काश्मीर और लद्दाख इलाके के सरकारी कर्मचारियों से किए गए एक वादे को मोदी सरकार ने पूरा कर दिया है। गौरतलब है कि जम्‍मू कश्‍मीर पुनर्गठन विधेयक संसद में पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 8 अगस्‍त, 2019 को राष्‍ट्र के नाम एक संदेश दिया था जिसमें उन्‍होंने जम्‍मू कश्‍मीर संघ क्षेत्र तथा लद्दाख संघ क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों को अन्‍य संघ क्षेत्रों के कर्मचारियों के बराबर सातवें वेतन आयोग की अंगीकृत सिफारिशों के अनुरूप सभी वित्‍तीय सुविधाएं दिये जाने का आश्‍वासन दिया था।

गृहमंत्री अमित शाह ने 31 अक्‍टूबर, 2019 से अस्तित्‍व में आने वाले जम्‍मू कश्‍मीर तथा लद्दाख संघ क्षेत्रों के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अंगीकृत सभी भत्‍ते प्रदान करने के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृत कर दिया है और गृह मन्‍त्रालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। भारत सरकार के इस निर्णय का लाभ 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जो कि अभी मौजूदा जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य में कार्यरत हैं और 31 अक्‍टूबर 2019 को इन दोनों संघ क्षेत्रों के कर्मचारी हो जायेंगे।  

      मौजूदा जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य में कार्यरत 4.5 लाख सरकारी कर्मचरियों को सातवें वेतन आयोग की अंगीकृत सिफारिशों के अनुरूप सभी भत्‍ते जैसे  चिल्‍ड्रेन एजूकेशन अलाउयन्‍स, हॉस्‍टल अलाउयन्‍स, ट्रान्‍सपोर्ट अलाउयन्‍स, लीव ट्रेवल कन्‍सेशन (LTC), फिक्‍सड मेडिकल अलाउयन्‍स  आदि दिए जाने पर सालाना अनुमानित खर्च लगभग 4800 करोड़ रूपये आएगा ।

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