[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”Listen to Post”]
दिल्ली पुलिस के कई चेहरे आपने देखे होंगे। कभी सड़क पर यातायात संभालते , कभी किसी को गिरफ्तार करते हुए तो कई बार उगाही करते हुए भी। लेकिन दिल्ली पुलिस के उन चेहरों को उजागर करने की भी जरूरत है जो देश ने कभी नहीं देखा होगा।
चेहरा नंबर 1- उतरी दिल्ली के थाना तिमारपुर और रूप नगर का । पिछले दो साल से इन थानों के पुलिसकर्मी केवल कानून और व्यवस्था का काम ही नहीं संभाल रहे बल्कि गरीब और बेसहारा बच्चों का भविष्य भी संवारने की कोशिश कर रहे हैं। डयूटी केवल बंदूक और लाठी के साथ ही नहीं बल्कि पेन पेंसिल और चाक से भी दी जा रही है। तिमारपुर थाने में रोज दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक स्लम और मजदूरों के ऐसे बच्चों को शिक्षा दी जाती है जो स्कूल जाने में अक्षम हैं । इन बच्चों को पढाई के साथ साथ आसपास की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए प्रेरित भी किया जाता है। पुलिस अफसरों का मानना है कि इस प्रयास से बच्चों को शिक्षा मिलेगी और अपराध पर रोकथाम में मदद भी मिलेगी। बच्चे क्लास में ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों इसके लिए थाने के इंसपेक्टर और पुलिसकर्मी खुद घर घर जाते हैं।
चेहरा नंबर दो- दिल्ली के आदर्श नगर थाने का-अनोखी पहल शुरू की गई है झुग्गी कल्स्टर में रहने वाले और पढ़ाई छोड़ देने वाले नौजवानों को अंग्रेजी सिखाने की।
यहां लड़के और लड़कियों को थाने में अंग्रेजी बोलने और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी करने की ट्रेनिंग दी जा रही है।पचास से ज्यादा लडके और लड़कियां शिफ्ट में अंग्रेजी, पर्सनालटी डवलपमेंट, और एमएनसी ट्रेनिंग के लिए आते है।