कोलकाता केस में सीबीआई की जद्दोजहद जारी है। वह कोशिश कर रही है कि ट्रेनी डाक्टर रेप हत्याकांड में शामिल हर गुनाहगार का केवल पर्दाफाश ही ना हो बल्कि उनके खिलाफ पक्के सबूत भी हों। यही वजह है कि पॉलीग्राफिक टेस्ट से लेकर छापेमारी तक जारी है। ऐसे में फारेंसिक सबूतों को रोल अहम हो जाता है। फारेंसिक एक्सपर्ट क्या कहते हैं। उनकी नजर में औऱ कौन से टेस्ट गुनाह में शामिल हर शख्स तक पहुंचने में मदद करेगा।
कोलकाता केस में फारेंसिक एक्सपर्ट की राय
कोलकाता केस में मीडिया हाइप को लेकर भी फारेंसिक एक्सपर्ट ने अपनी राय दी है। उपर दिए गए वीडियो लिंक में आप फारेंसिक एक्सपर्ट की राय सुन देख सकते हैं। हमने देश के सरकारी फारेंसिक लैब में निदेशक रह चुके और कई क्राइम सीन पर फारेंसिक जांच कर चुके डा सुधीर शुक्ला से बातचीत की है। डाक्टर सुधीर शुक्ला इस समय गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में विशिष्ट प्रोफेसर हैं।
डा. सुधीर शुक्ला ने इस विशेष बातचीत में फारेंसिक मे होने वाली टेस्ट के बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने बताया है कि पॉलीग्राफ के अलावा नार्को और ब्रेन मैपिंग के द्वारा भी सबूत जुटाने की कोशिश की जाती है। इन टेस्ट में मिले संकेतों के आधार पर सबूत जुटाए जाते हैं जिसके बाद जांच में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इन टेस्ट की वैसे तो अदालत में मान्यता नहीं है मगर जांच में मदद मिलती है।
डाक्टर सुधीर शुक्ला ने यह भी बताया है कि किस तरह ये टेस्ट किए जाते हैं। उन्होंने इस बातचीत में बताया है कि अगर क्राइम सीन को सुरक्षित ना रखा जाए तो क्या हो सकता है। इसके नुकसान क्या हो सकते हैं औऱ फारेंसिक सबूत कितने अहम होते हैं। इस इंटरव्यू में बहुत सारी महत्वपूर्ण बातें उन्होंने बताई हैं। उन्होंने बताया है कि फारेंसिक सबूत कैसे एकत्र किए जाते हैं औऱ कैसे फिर वो सजा दिलाने में मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें
- पहलगाम आतंकी हमले में पाक आतंकियों को पनाह देने वाले दो लोग गिरफ्तार
- बब्बर खालसा के इन आतंकियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दाखिल किया
- cryptocurrency है साइबर क्राइम पर कितना बड़ा खतरा, जानिए क्योंं और कैसे
- आप भी जानिए adhar card पर आधारित UPI प्रमाणीकरण की कमियां और इसके सुधार के उपाय
- cyber crime के चार यक्ष प्रश्न और उनके जवाब आपको भी जानना चाहिए
[…] कर अपने घर में जबरन रखने और कई दिन तक रेप करने का आरोप है […]
[…] रॉय के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किये गये हैं, कोर्ट में यदि वो […]