मेला घूमिए, तस्वीरें साझा कीजिए, मिल सकता है इनाम, जानिए कैसे

मेला घूमने कै शौक रखते हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहमियत वाला है। क्योंकि सरकार ने एक ऐसी योजना लांच की है कि आपको मेला घूमने के बदले इनाम भी मिल सकती है। बस आपको मेला घूमने के दौरान तस्वीरें खींचनी होंगी।

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मेला फोटो पीआईबी

मेला घूमने कै शौक रखते हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहमियत वाला है। क्योंकि सरकार ने एक ऐसी योजना लांच की है कि आपको मेला घूमने के बदले इनाम भी मिल सकती है। बस आपको मेला घूमने के दौरान तस्वीरें खींचनी होंगी। तो आइए बताते हैं आपको इस इनाम पाने का पूरा प्रोसेस। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई में अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान कहा था, “संस्कृति मंत्रालय द्वारा जल्द ही एक प्रतियोगिता शुरू की जा रही है, जहाँ मेलों में सबसे अच्छी तस्वीरें भेजने वालों को इनाम भी दिया जाएगा। तो फिर देर मत कीजिए, मेलों में घूमिये और तस्वीरें साझा कीजिए, हो सकता है आपको इसका इनाम भी मिल जाए।”

इसी कड़ी में, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘आज़ादी के अमृत ​​महोत्सव’ के अंतर्गत ‘मेला मोमेंट्स’ प्रतियोगिता का लक्ष्य निर्धारित किया गया। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में आयोजित दुर्गोत्सव के दौरान संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी जी ने इस प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।

इस कड़ी में श्रीमती लेखी ने कहा, “एक ओर, भारत में गंगा स्नान जैसे मेले क्षेत्र विशेष की पहचान और मान्यताओं को उजागर करते हैं, तो बैसाखी जैसे मेले अवसरों पर आधारित हैं और यहाँ रामलीला और दशहरे जैसे ऐतिहासिक मेले भी हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “इन मेलों में लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देते हुए, उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं को लेकर अधिक सजग बनाना इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य है, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को।”

चूंकि, भारत विविधता से भरा देश है। यहाँ अनेक पंथ, सम्प्रदाय और संस्कृति के लोग वास करते हैं और सबकी अपनी भाषा, वेश-भूषा और खान-पान के तौर-तरीके हैं।

इसी कड़ी में, यहाँ के लोग अपनी विविध कला, संस्कृति और परम्परा को प्रदर्शित करने के लिए कई तरह के मेले आयोजित करते हैं। ये मेले देश को एक सूत्र में पिरोने के साथ ही, स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कोलकाता की दुर्गा पूजा इसका एक सर्वोष्कृट उदाहरण है, जिसे गत वर्ष माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों के फलस्वरूप यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की रूप में मान्यता मिली थी।

मेले के इन्हीं महत्वों को देखते हुए इस प्रतियोगिता की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य देश में मेलों की लोकप्रियता को एक नया आयाम देना है।

इस प्रतियोगिता में भागीदारी पेश करने वाले लोगों को अपने आस-पास आयोजित होने वाले मेलों में घूमना होगा और उससे जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए, संस्कृति मंत्रालय को भी अनिवार्य रूप से टैग करना होगा।

यह प्रतियोगिता मूलतः 4 श्रेणियों में विभक्त है, जिसमें हर श्रेणी में 3 लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा। बता दें कि प्रतियोगिता की इनाम राशि ₹30 लाख तक हैं, जिसके अंतर्गत विजेताओं की घोषणा प्रत्येक महीने होगी।

इस प्रकार, यह प्रतियोगिता देशवासियों को अपनी संस्कृति और परम्पराओं को बेहतर तरीके से जानने का अवसर प्रदान करने के साथ-साथ कई आकर्षक इनामों को भी जीतने का बेहतरीन मौका देता है।

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