True crime story: छह टैटू, दो नाम और एक कॉल से पुलिस ने कैसे सुलझाई गुत्थी

यह सत्य अपराध कथा छह टैटू, दो नाम और एक कॉल की ऐसी गुत्थी है जिसे जानकर आप रोमांचित हो जाएंगे। दिल्ली की यह सत्य अपराध कथा की शुरूआत 22 फरवरी 2025 को अशोक विहार के एक पब्लिक टॉयलेट से हुई थी।

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सत्य अपराध कथा

True crime story: यह सत्य अपराध कथा छह टैटू, दो नाम और एक कॉल की ऐसी गुत्थी है जिसे जानकर आप रोमांचित हो जाएंगे। दिल्ली की यह सत्य अपराध कथा (True crime story) की शुरूआत 22 फरवरी 2025 को अशोक विहार के एक पब्लिक टॉयलेट से हुई थी। इस दिन पुलिस को इस टॉयलेट में बोरी में बंद एक जवान लड़की की लाश मिली। लड़की की उम्र 25-30 साल की आंकी गई।

दिल्ली की True crime story में पहला सुराग छह टैटू

डीसीपी भीष्म सिंह के मुताबिक हत्या का मामला दर्ज करने के बाद पहली चुनौती लाश की पहचान और दूसरी चुनौती हत्या के आरोपी को पकड़ना था। मामला ना केवल जवान लड़की की हत्या से जुड़ा था बल्कि ब्लाइंड भी था। लड़की की लाश पर छह टैटू मिले थे। इन आधा दर्जन टैटू में पुलिस सुराग तलाश कर रही थी।

बड़ी टीम का गठन

संवेदनशील मामले के मद्देनजर डीसीपी भीष्म सिंह ने एसीपी ऑपरेशन रंजीत ढाका और एसीपी संजीव कुमार के नेतृत्व मेंं स्पेशल स्टाफ के इंचार्ज इंस्पेक्टर सोमवीर सिंह, एएटीएस इंचार्ज जितेन्द्र तिवारी, अशोक विहार एसएचओ कुलदीप सिंह, भारत नगर एसएचओ राजेश विजय वर्जिया, एसीपी सत्येन्द्र सिंह, एसआई सुमित कलकल, हेडकांस्टेबल नरसी, सचिन, सोमवीर, जोगिन्दर, हरीश, कांस्टेबल अक्षय, महिला कांस्टेबल डॉली, हेडकांस्टेबल प्रदीप, कांस्टेबल सागर, एसआई सचिन, मोहित, अजय, विहाल, एएसआई विकास, हेडकांस्टेबल राजकुमार, शशि, एसआई रुपेश राज, हेडकांस्टेबल आशाराम, कांस्टेबल रतन और मनोज की लंबी चौड़ी टीम बनाई गई।

छह टैटू ने दिए दो नाम

पुलिस की लंबी चौड़ी टीम ने सनसनीखेज सत्य अपराध कथा की जांच शुरू की। लड़की की लाश पर मिले छह टैटू में से तीन एक हाथ में जबकि तीन दूसरे हाथ में बने थे। इन ठह टैटू में दो नाम ऐसे थे जिन पर पुलिस का निगाह जा टिकी। एक टैटू में आई लव यू राज तो दूसरे में जीतू का नाम लिखा था। पुलिस ने इन्हीं दो नामों से जांच का सिरा आरंभ किया।

सीसीटीवी ने भी दिया सुराग

दर्जनों सीसीटीवी खंगाले जाने लगे। आखिरकार नानक पुरा गुरुद्वारा और मुकुंदपुर में गहन जांच के बाद लड़की की पहचान नंदिनी उर्फ कल्लो के रूप में हो गई। पचा चला कि वह ऐसे ही इधर उधर घूमती है और उसने तीन शादियां कर रखी थीं। इनमें से एक का नाम राज तो दूसरे का जीतू था। पुलिस की सूई अब जीतू और राज के इर्द गिर्द घूमने लगी। इस बीच पुलिस को नंदिनी का नंबर भी मिल गया था मगर उसका फोन गायब था।

नंदिनी का नंबर पिछले दिन शाम से ही स्वीच ऑफ बता रहा था। उसने पिछले शाम आखिरी कॉल राज को की थी। पुलिस ने राज को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो पता लगा कि राज पिछले कई दिनो से उससे अलग था। हत्याकांड के पहले वाली शाम को नंदिनी ने उसे फोन जरूर किया था दोनो मिले तो राज उसे आजादपुर मेट्रो स्टेशन पर छोड़ आया था। सीसीटीवी फुटेज से राज की बात की पुष्टि हो रही थी।

पुलिस ने अब जीतू की तलाश शुरू की आखिरकार वह मिल ही गया। पेशे से ट्रक ड्राइवर जीतू भी पिछले कई दिन से नंदिनी से नहीं मिला था। मगर पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि हत्याकांड के पहले वाली रात को 10 बजे के आसपास नंदिनी ने उसे किसी और नंबर से फोन किया था। वह एक हजार रुपये की मांग कर रही थी मगर जीतू ने पैसे देने से मना कर दिया था।

विजयवाड़ा फरार होने की फिराक में था आरोपी

पुलिस टीम ने जीतू के फोन पर किए गए नंबर की जांच शुरू की। वह बंद था आखिर उस नंबर की गहन जांच के बाद पुलिस टीम ने 50 साल के केशव प्रसाद की पहचान कर ली। वह मंडी में काम करता था। केशव अपने ठिकानों से लापता था। पुलिस उससे काम करवाने वाले के पास पहुंची तो पता चला कि वह पैसे लेने आएगा औऱ विजयवाड़ा जाने की तैयारी कर रहा है।

पुलिस टीम ने जाल बिछाकर आखिरकार केशव को गिरफ्तार कर लिया। गहन पूछताछ में केशव ने बताया कि नंदिनी से उसकी मुलाकात रात में आजादपुर फ्लाईओवर के पास हुई थी। वह उसे अपनी झुग्गी पर ले आया जहां उसे खाना खिलाया। इसके बाद वह उससे सेक्स करना चाहता था मगर पैसों को लेकर दोनो में झगड़ा हो गया। इसके बाद उसने नंदिनी का हत्या गला घोंट कर कर दी औऱ लाश को बोरी में बांध कर पब्लिक टायलेट में डाल आया।

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