शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का जन्म ओडिसा के तालचेर में 26 जून 1969 को हुआ है। उनके पिता देवेन्द्र प्रधान 1999 से 2004 तक वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान का राजनीतिक सफर कालेक के समय से ही शुरू हो गया था। छात्र राजनीति से ही राजनीति से जुड़े धर्मेंद्र प्रधान का सफर कैसा रहा है वह इस लेख में आपको बताते हैं।
साल 2000 में पहली बार विधायक बने धर्मेंद्र प्रधान
कॉलेज की राजनीति को अलविदा कहने के बाद साल 2000 में पहली बार उन्होंने अपने राज्य के राजनीतिक सफर की शुरूआत की। वह विधायक चुने गए और इस तरह उनका राजनीतिक कैरियर शुरू हो गया। इसके बाद साल 2004 में उन्होंने ओडिसा के देवगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में जीत हासिल कर वह विधायक से सांसद की कुर्सी पर काबिज हुए।
साल 2009 के विधानसभा चुनाव में वह पल्लाहारा से विधानसभा का चुनाव हार गए। इसके बाद उन्हें बिहार और फिर मध्य प्रदेश से राज्यसभा में केंद्रीय नेतृत्व ने भेजने पर विचार किया था। जहां तक धर्मेंद्र प्रधान की शिक्षा की बात है उन्होंने भुवनेश्वर की उत्कल यूनिवर्सिटी से मानव शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है। उन्हें लगातार तीसरी बार शिक्षा मंत्री बनाया गया है।
साल 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो वह राज्य मंत्री बने थे। मगर इसके बाद साल 2017 आते-आते उनका कद बढ़ा और उन्हें पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया। साल 2021 मे प्रधान को केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता विकास मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। एनडीए की तीसरी बार सरकार बनी और प्रधान ने 9 जून 2024 को फिर मंत्री पद की शपथ ली।
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