स्नैचर-सिंडिकेट का पर्दाफाश, सुबह की सैर पर दुपहिया से निकलते थे, लूटपाट कर हो जाते थे फरार

सप्ताह में दो तीन दिन सुबह 5 से 7 बजे के बीच लूट के निकलते हैं। एक ही बार में तीन-चार वारदात करने के बाद वह फरार हो जाते थे। लूट के मोबाइल फोन विनय अजीत और जस्सी को बेचने के लिए दिया जाता था। विनय जस्सी और अजीत ही स्नैचर सिंडिकेट के मास्टरमाइंड हैं।

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स्नैचर सिंडिकेट

स्नैचर सिंडिकेट के बदमाश सुबह 5 से 7 बजे के बीच लूटपाट किया करते थे। दिल्ली की काश्मीरी गेट और आईएसबीटी पुलिस ने स्नैचर सिंडिकेट के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

उत्तरी दिल्ली डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक 4 मई को एक शिक्षिका ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि सुबह साइकिल रिक्शा से स्कूल जाते समय स्कूटी सवार बदमाशों ने मोबाइल फोन छीन लिया और फरार हो गए। इस मामले को सुलझाने के लिए एसीपी विजय सिंह की देखरेख में कशमीरी गेट थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में एसाई रणविजय, एएसआई बाल हुसैन, सुरेन्द्र प्रकाश, कांस्टेबल चचिन, कुलदीप और कपिल की टीम बनाई गई। पुलिस ने इस ब्लाइंड मामले को सुलझाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। अथक कोशिशों के बाद स्कूटी के नंबर प्लेट के कुछ अंकों की पहचान हुई। इसके आधार पर रूट की शिनाख्त की गई और पता लगा कि स्कूटी का मालिक मुल्तानी ढांडा की एक महिला हैं। काफी जांच पड़ताल के बाद पता लगा कि महिला का पति विनय कई लूट में शामिल रहा है। यह भी पता लगा कि विनय लूटपाट के लिए अपना स्कूटी दूसरे बदमाशों को देता था। गहन जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने राजन और घनश्याम नाम के दो बदमाशों को गिरफ्तार करने में कामयाब हो गई। पता चला कि ये बदमाश स्नैचर सिंडिकेट का हिस्सा हैं। पूछताछ में उन्होंने 100 से ज्यादा स्नैचिंग में शामिल होने की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि वह नशे के आदि हैं और सप्ताह में दो तीन दिन सुबह 5 से 7 बजे के बीच लूट के निकलते हैं। एक ही बार में तीन-चार वारदात करने के बाद वह फरार हो जाते थे। लूट के मोबाइल फोन विनय अजीत और जस्सी को बेचने के लिए दिया जाता था। विनय जस्सी और अजीत ही स्नैचर सिंडिकेट के मास्टरमाइंड हैं। विनय वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को अपनी स्कूटी और मोटरसाइकिल देता था और छीने गए मोबाइल को बेचकर पैसे बांटने के लिए अतिरिक्त फीस भी लेता था।

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