विश्व मधुमक्खी दिवस पर जानिए खादी आयोग के कार्यक्रम की यह अहम बातें

मानव जीवन के लिए आवश्यक आत्मनिर्भरता और मधुमक्खियों को बचाने की दिशा में देश के मधुमक्खी पालकों को आश्वस्त करने का पर्व है विश्व मधुमक्खी दिवस

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मानव जीवन के लिए आवश्यक आत्मनिर्भरता और मधुमक्खियों को बचाने की दिशा में देश के मधुमक्खी पालकों को आश्वस्त करने का पर्व है विश्व मधुमक्खी दिवस यह बात खादी आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहीं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के विजन को पूरा करते हुए हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने मधुमक्खी पालन के महत्व पर जोर दिया है और कहा है: “श्वेत क्रांति के साथ स्वीट क्रांति की भी जरूरत है” उनके आह्वान को आगे बढ़ाते हुए केवीआईसी ने मधुमक्खी पालन को आगे प्रोत्साहित किया है। मधुमक्खी पालकों और किसानों की मदद हेतु तथा लोगों को स्वस्थ रखने और विभिन्न चुनौतियों को हल करने में मधुमक्खियों और अन्य परागणकों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से  20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाया, जहां  खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर अपनी हीरक जयंती मनाई ।

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केवीआईसी के केंद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (सीबीआरटीएल), पुणे में मधुमक्खी संरक्षण और शहद प्रसंस्करण के लिए शहद पार्लर और प्रदर्शनी का उद्घाटन,  शहद निकालने के उपकरण का वितरण, स्मारिका का विमोचन, मधुमक्खी पालन पर लघु फिल्म जारी की तथा मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए वैज्ञानिकों, मधुमक्खी पालकों और आयोग के कर्मचारियों को पुरस्कार वितरण  किया ।

कार्यक्रम की शुरुआत में, माननीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री, श्री नारायण राणे ने देश भर में मधुमक्खी पालकों को लगभग 800 मधुमक्खी बक्सों का वितरण करते हुए विडिओ कांफ्रेंस के माध्यम  से कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि इस वर्ष 133200 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हुआ है तथा 30000 करोड़ रुपये का शहद की बिक्री हुई ।  इस अवसर पर उन्होंने पीएमईजीपी के अंतर्गत लगभग 300 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी अनुदान का संवितरण भी किया ।

कार्यक्रम में उपस्थित माननीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री, श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने कहा कि MSME कुल सकल घरेलू उत्पाद का एक तिहाई योगदान दे रहा है और कुल निर्यात में 48% योगदान दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे लोगों की प्रति व्यक्ति आय 8500 से बढ़कर 1.95 लाख हो गई है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हीरक जयंती के अवसर पर केंद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान पुणे की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने मधुमक्खी पालन के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता और मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण प्रदान करने में एक लंबा सफर तय किया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग देश के मधुमक्खी पालकों को आत्मनिर्भरता और मधुमक्खियां  जो मानव जीवन के लिए आवश्यक है को बचाने की दिशा में यह त्योहार मना रहा है । उन्होंने कहा कि अगस्त 2017 के महीने में, माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने “श्वेत क्रांति के साथ स्वीट क्रांति  क्रांति की भी जरूरत है” का आह्वान किया था । इससे प्रेरित होकर केवीआईसी ने इस पारंपरिक मधुमक्खी पालन उद्योग को आगे बढ़ाने की पहल की। रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए हनी मिशन कार्यक्रम की शुरुआत की , और वर्ष 2017-18 के दौरान ‘हनी मिशन’ की स्थापना के बाद से  अब तक 1,86,000 से अधिक मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया गया है और 18,600 प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किए गए हैं। इससे कृषि उत्पादन की उपज में 25 से 40% की वृद्धि हुई है। खादी कारीगरों की आय में 1 अप्रेल  2023  से  35% की वृद्धि  की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि  वर्ष 2014  से  अब तक उनकी आय में 150% की वृद्धि केवीआईसी ने की है । उन्होंने 819 लाभार्थियों को लगभग 948 (947.60) करोड़ रुपये ऋण के सापेक्ष लगभग 300 करोड़ रुपये (299.97 रुपये) की मार्जिन मनी सब्सिडी जारी करते हुए बताया कि इससे करीब 54,552 यानी करीब 55 हजार बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि सीबीआरटीआई द्वारा अब तक 50,000 से अधिक लोगों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया है।

केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि यह योजना माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “लोकल से ग्लोबल” अभियान को सफल बनाने के लिए एक व्यापक पहल है। इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले शहद के उत्पादन को बढ़ावा देना है जो अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है और इस क्षेत्र के कारीगरों की आय में वृद्धि करता है। इस अवसर पर उन्होंने   क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए केंद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, पुणे और वैज्ञानिकों, मधुमक्खी पालकों को सम्मानित  किया तथा आयोग के कर्मचारियों द्वारा प्रकाशित एक स्मारिका का भी विमोचन किया ।

कार्यक्रम में केवीआईसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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