निवेश के नाम पर इंटरस्टेट साइबर ठगी का भंडाफोड़, 9 आरोपी गिरफ्तार, ₹16 करोड़ का खुलासा

सोशल मीडिया के जरिए निवेश का झांसा देकर ठगी करने वाले इंटरस्टेट साइबर गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस ने अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खातों से ₹16 करोड़ की ठगी जुड़ी पाई गई है।
Investment Cyber Fraud
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निवेश के नाम पर आकर्षक और सुनिश्चित रिटर्न का झांसा देकर की जा रही साइबर ठगी के एक बड़े इंटरस्टेट नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पीड़ित की ऑनलाइन शिकायत के आधार पर की गई जांच में सामने आया कि यह गिरोह Investment Cyber Fraud में लिप्त है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में सक्रिय था, जबकि इसके तार दुबई से जुड़े पाए गए हैं।

Investment Cyber Fraud: कैसे सामने आया मामला

पीड़ित ने NCRP पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश का लालच दिया गया। आकर्षक रिटर्न का भरोसा दिलाकर उससे बड़ी रकम निवेश करवाई गई, जिसके बाद वह ठगी का शिकार हो गया।

शिकायत के आधार पर PS Cyber West में e-FIR दर्ज की गई। मामला BNS की धारा 318(4), 319 और 340 के तहत पंजीकृत किया गया और जांच शुरू की गई।

जांच में क्या सामने आया

जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण और मनी ट्रेल की गहन पड़ताल की गई। पीड़ित द्वारा दिए गए ट्रांजैक्शन स्क्रीनशॉट से पता चला कि ठगी की रकम कई लाभार्थी खातों में घुमाई गई थी।

विश्लेषण में यह सामने आया कि बड़ी राशि HDFC बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के खातों से होकर गुजरी, जो कर्नाटक के मंगलुरु निवासी शौकत अली के नाम पर थे। इन खातों से जुड़ा मोबाइल नंबर भी उसी के नाम पर पंजीकृत था।

केरल से हुई पहली गिरफ्तारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें ASI संदीप पूनिया, HC संजीव और HC वेद प्रकाश शामिल थे। टीम ने SHO PS Cyber West, इंस्पेक्टर विकास कुमार बुलडक के नेतृत्व में और ACP ऑपरेशंस विजय सिंह की निगरानी में कार्रवाई की।

तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर केरल में छापेमारी की गई, जहां से मुख्य आरोपी शौकत अली को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ और आगे की तकनीकी जांच में यह साफ हुआ कि आरोपी एक संगठित इंटरस्टेट साइबर ठगी गिरोह का हिस्सा है।

एक साथ कई राज्यों में छापेमारी

इसके बाद तीन अलग-अलग टीमें बनाई गईं और दिल्ली, यूपी, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में एक साथ छापेमारी की गई। इस कार्रवाई में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

ठगी का तरीका (Modus Operandi)

जांच में सामने आया कि आरोपी एक सुव्यवस्थित साइबर अपराध मॉड्यूल चला रहे थे।

  • आरोपी मोहद. अदनान रजा उर्फ बिल्ला और देवेंद्र पांडेय उर्फ शिवम एजेंटों की व्यवस्था करते थे।
  • एजेंटों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए जाते थे।
  • एजेंटों को ठहराने की व्यवस्था कर उनके बैंक खाते मोबाइल ऐप्स के जरिए दूर बैठे ऑपरेटर चलाते थे।
  • विदेश में बैठे मुख्य संचालक इन खातों को नियंत्रित करते थे।
  • ठगी की रकम को कई खातों में घुमाकर जांच को गुमराह किया जाता था।

गिरफ्तार आरोपियों की प्रोफाइल

1. शौकत अली
निवासी: मंगलुरु, कर्नाटक | उम्र: 42 वर्ष
SGL Traders का खाताधारक (लगभग ₹10.87 करोड़ का लेनदेन)

2. बाबू पायनदाथ
निवासी: एर्नाकुलम, केरल | उम्र: 38 वर्ष
Lemon Miles Green का खाताधारक (लगभग ₹2.10 करोड़ का लेनदेन)

3. एंथोनीज़ बाबू
निवासी: एर्नाकुलम, केरल | उम्र: 58 वर्ष

4. देवेंद्र पांडेय उर्फ शिवम
निवासी: प्रतापगढ़, यूपी | उम्र: 22 वर्ष

5. दुराव राज मिश्रा
निवासी: प्रतापगढ़, यूपी | उम्र: 18 वर्ष

6. फारूक (बाउंडडाउन)
निवासी: नई दिल्ली | उम्र: 30 वर्ष

7. मोहद. अदनान रजा उर्फ बिल्ला
निवासी: संभल, यूपी | उम्र: 23 वर्ष

8. अम्मा गुंटा कविता
निवासी: तिरुपति, आंध्र प्रदेश | उम्र: 34 वर्ष

9. के. वी. शिव योगी
निवासी: विजयनगर जिला, कर्नाटक | उम्र: 56 वर्ष

जांच में खुलासा हुआ कि गिरफ्तार आरोपियों के खातों से जुड़े 286 NCRP शिकायतें पहले से दर्ज हैं। इन शिकायतों में लगभग ₹16 करोड़ की साइबर ठगी सामने आई है।

क्यों अहम है यह मामला

यह कार्रवाई एक बार फिर दिखाती है कि सोशल मीडिया के जरिए निवेश का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह कितनी संगठित तरीके से काम कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, ऐसे मामलों में शुरुआती सतर्कता और समय पर शिकायत दर्ज कराना ही सबसे बड़ा बचाव है।

निवेश से जुड़े किसी भी ऑफर में जल्दबाजी न करें और किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत NCRP पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं।

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